लॉयन न्यूज, बीकानेर। साहित्य सृजन के नवाचार, भाषायी समन्वय और साहित्य से इतर कलाओं के लिए समर्पित प्रज्ञालय संस्थान की मासिक श्रृंखला ”साख अर सीख की इस माह की कड़ी विज्ञान एवं शोध जो एक कला है, को समर्पित रहेगी। कार्यक्रम संयोजक राजस्थानी मान्यता आन्देालन के प्रवर्तक, कवि-कथाकार कमल रंगा ने बताया कि संस्थान द्वारा जहां एक ओर साहित्य-भाषा के समग्र परिपेक्ष्य में विधागत आधार पर देश और प्रदेश के ख्यातनाम रचनाकारों को विशेष आमंत्रित कर नगर, संभाग एवं राज्य स्तरीय आयोजन करवा रहा है। वहीं साहित्य से इतर कलाओं यथा संगीत, विज्ञान, शोध, अनुवाद, चित्रकला आदि क्षेत्र में ख्याति प्राप्त प्रतिभाओं को भी आयोजनों में आमंत्रित किया गया है। रंगा ने बताया कि आगामी 29 जनवरी 2017 वार रविवार को प्रात: 12़:30 बजे स्थानीय नागरी भण्डार परिसर स्थित नरेन्द्र सिंह ऑडिटोरियम में आयोजित होने वाली साख अर सीख की 30वीं कड़ी में नगर का गौरव, प्रदेश की शान और देश की चर्चित युवा विज्ञान प्रतिभा डॉ. कनिका सोलंकी को प्रज्ञा-सम्मान अर्पित किया जाएगा। साहित्य और विज्ञान दोनों कलाओं की जुगलबन्दी के माध्यम से एक नवाचार स्थापित होता है। डॉ. कनिका सोलंकी ने मरूधरा, मरूप्रदेश और मरूवनस्पति के नाम को एक नई पहचान दी है। डॉ. कनिका सोलंकी से पूर्व प्रज्ञा-सम्मान साहित्य, संगीत एवं कला आदि क्षेत्र की राष्ट्रीय स्तर की प्रतिभाओं को अर्पित किया जा चुका है। कार्यक्रम प्रभारी कासिम बीकानेरी ने बताया कि डॉ. कनिका सोलंकी ने गत दिनों इंण्डियन साइंस काँग्रेस के 104वें अधिवेशन में रसायन विज्ञान क्षेत्र में अपने शोध क्षेत्र की विलक्षण प्रतिभा का परिचय देते हुए इस आयोजन में 18000 प्रतिभागियों के बीच पूरे भारत में उपविजेता बनकर बीकानेर नगर और प्रदेश को गौरवान्वित किया है। आपके द्वारा मरूवनस्पति के माध्यम से औषधि-निर्माण तथा धातु-विश्लेषण का जो आश्चर्यजनक एवं अद्भुत मौलिक शोध का कार्य किया गया, वो विज्ञान-क्षेत्र में अपना अहम स्थान रखता है।