जोधपुर।   वक्फ संपत्तियों की आड़ में राजस्थान मुस्लिम वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। बोर्ड और कमेटियों की मिलीभगत से वक्फ संपत्तियों से मिल रही अंशदान की राशि उच्च पदस्थ अधिकारी खुद ही डकार रहे हैं।अंशदान की राशि से वक्फ बोर्ड के अधिकारियों की जरूरतें पूरी की जा रही हैं। वक्फ कमेटियों से मिलने वाला पैसा समाज के बेसहारा (यतीम), गरीब, विधवा और मिस्कीन की सहायता के लिए खर्च किया जाता है।हाल ही जोधपुर की बेशकीमती वक्फ संपत्ति तकिया चांदशाह को लेकर एक बड़ा खुलासा सूचना का अधिकार के तहत मिली जानकारी से हुआ है। आरटीआई से मिली जानकारी में बोर्ड ने वक्फ संपत्ति तकिया चांदशाह को देना नहीं बताया है।वहीं वक्फ बोर्ड तकिया चांदशाह की संपत्ति से मिल रही राशि के अंशदान के बदले टाटा सफारी लेना स्वीकार रहा है। ऐसे में राजस्थान वक्फ बोर्ड का समाज के प्रति दोमुंहा रवैया सामने आ रहा है।

वाहन खरीद के  कागजात भी नहीं

वक्फ बोर्ड के पास वाहन क्रय प्रोसेस की पत्रावली तक भी स्टोर शाखा में नहीं है। ऐसे में कितने अंशदान के बदले यह टाटा सफारी ली गई है, इसका भी उल्लेख नहीं हो पाया है।दूसरी ओर वक्फ बोर्ड ने इस संपत्ति को तकिया चांदशाह कमेटी को नहीं देना बताया है। ऐसे में यहां से ली गई राशि किस आधार पर ली गई। यह एक बड़ा सवाल है।

अंशदान के भी 29 लाख बकाया

वक्फ संपत्ति तकिया चांदशाह पर बकाया अंशदान राशि के रूप में फिलहाल 29 लाख 39 हजार 656 रुपए बकाया है। सूचना के अधिकार के तहत फरवरी 2016 में वक्फ बोर्ड की ओर से यह सूचना दी गई है।