कोटा.।  दृष्टिहीन व दृष्टिबाधित, जिनके जीवन में अंधेरा है, इस अंधेरे से कुछ हार जाते हैं और कुछ विचारों को औजार बनाकर रोशनी फैलाने की कोशिश करते हैं। ऐसे जुनूनी अब खुद लिखेंगे और ब्रेल लिपि में किताबें भी तैयार कर सकेंगे।टेक्नोलॉजी की मदद से यह सब संभव होगा राजकीय सार्वजनिक मण्डल स्तरीय पुस्तकालय में। जहां, दृष्टिबाधितों के लिए विशेष सुविधाएं शुरू की जा रही है। यहां 23 अप्रेल को विश्व पुस्तक दिवस दृष्टिबाधितों को समर्पित होगा। यहां इस वर्ग के पाठकों और पुस्तकालय से जुड़े सदस्यों के लिए कई सेवाएं शुरू की जाएंगी। इसमें ऑनलाइन, ऑफलाइन मोड में सेवाएं होंगी।

ये होगी शुरुआत

अब तक पुस्तकालय में कोई भी दृष्टिहीन या दृष्टिबाधित पंजीकृत सदस्य नहीं है। अब इनके रजिस्ट्रेशन की सुविधा यहां शुरू हो जाएगी। पुस्तकालय विभाग द्वारा ली गई जानकारी के अनुसार जिले में 200 दृष्टिबाधित और 20 दृष्टिहीन हैं। इनके पहचान प्रमाण पत्र और मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी सर्टिफिकेट के आधार पर इन्हें पंजीकृत किया जा सकेगा।

आगे ये होगा 

यह सुविधा शुरू होने के बाद अब ब्रेल प्रिंटर और इंस्टेंट रीडर भी मंगवाया जा रहा है। इसमें मनचाहे पेज को प्रिंट किया जा सकेगा। कम्प्यूटर पर एडिटिंग करने के बाद दृष्टिबाधित और दृष्टिहीन खुद के लिखे और तैयार किए गए टेक्स्ट को प्रिंट कर सकेंगे। ब्रेल बुक्स तैयार कर सकेंगे। इसके अलावा इस वर्ग के लोगों के लिए बीप सेंसर और टाइल्स भी लगाई जाएगी।

दिव्यांगों के लिए प्रोजेक्ट

पुस्तकालय में दिव्यांगों के लिए भी प्रोजेक्ट तैयार कर 7 लाख का प्रस्ताव भेजा हे। इसमें ऑटोमेटेड व्हील चेयर, बुक शेल्फ समेत कई सुविधाएं होंगी।

ऑफ लाइन सेवा

पुस्तकालय में ऑल इंडिया कन्फडरेशन बोर्ड (एआईसीबी) से 243 ब्रेल पुस्तकें मंगवाई गई है। पंजीकरण होने के साथ ही ब्रेल बुक्स दृष्टिबाधित सदस्यों के घर पर भी भेजी जा सकेगी। ब्रेल बुक्स रजिस्टर्ड डाक से जाएगी। यह सुविधा पूरी तरह से नि:शुल्क होगी। पुस्तकालय द्वारा मंगवाई गई बुक्स में प्रेमचंद, जे. के. रोलिंग, कमलेश्वर, महाश्वेतादेवी, नरेन्द्र कोहली, अमृता गौतम, खुशवंत सिंह रविन्द्र नाथ ठाकुर, अज्ञेय समेत कई बड़े लेखकों की पुस्तकें शामिल हैं। पुस्तकों की ई-स्पीकिंग लिस्ट ई-मेल पर उपलब्ध करवाई जा सकेगी।

डिजिटल सेवा 

यह सुविधा पुस्तकालय में ही उपलब्ध होगी। यहां प्लेक्स टॉक यंत्र की मदद से यूनिकोड के किसी भी संदेश को सुना जा सकेगा। इस यंत्र से म्यूजिक, रेडियो सुना जा सकेगा। रिकॉर्डिंग की जा सकेगी। पेज, पेराग्राफ के हिसाब से पढ़ाई की जा सकेगी। इसके साथ ही स्क्रीन रीडर सॉफ्टवेयर भी उपलब्ध करवाया गया है। कम्प्यूटर पर ई-स्पीक लाइब्रेरी सर्विस फॉर ब्लाइंड सुविधा होगी, जिसमें दृष्टिहीन और दृष्टिबाधित सुनकर काम कर सकेंगे। इसके अलावा स्केन इमेज को एडिटेबल बनाने के लिए सॉफ्टवेयर मंगवाए गए हैं।भाषा एवं पुस्तकालय विभाग के प्रस्ताव के बाद कोटा में सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय में दृष्टिहीन और दृष्टिबाधितों के लिए कई सेवाएं शुरू की जा रही है। हमारा उद्देश्य इन्हें भी पुस्तकालय से जोडऩा है। विश्व पुस्तक दिवस पर कई सुविधाएं शुरू भी होंगी।