वेब सीरीज अजमेर-92 विवादों में, दरगाह कमेटी ने दी चेतावनी,पढ़ें खबर


लॉयन न्यूज,नेटवर्क,8 जून। देश का सबसे बड़ा अजमेर का सेक्स स्कैंडल एक बार फिर चर्चा में है। इस बार विवाद इस स्कैंडल पर बन रही मूवी अजमेर-92 को लेकर है। इसको लेकर मुस्लिम समाज के प्रतिनिधियों और अजमेर शरीफ दरगाह कमेटी के पदाधिकारियों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए आरोप लगाया है कि इस फिल्म के माध्यम से एक ही कम्युनिटी के लोगों को टारगेट किया जा रहा है। उनका कहना है कि मूवी को हिंदू-मुस्लिम एंगल से जोडऩा भी गलत है। दरगाह कमेटी की ओर से चेतावनी दी गई है कि अजमेर शरीफ दरगाह और ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की इमेज को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इंडिया मुस्लिम फाउंडेशन के चेयरमैन डॉक्टर शोएब जमाई ने देर रात ट्वीट किया कि- अजमेर दरगाह कमेटी के सदर सैयद गुलाम किब्रिया और जनरल सेक्रेटरी सरवर चिश्ती सहित कमेटी से मीटिंग करने के बाद अधिकारिक घोषणा करते हैं कि फिल्म अजमेर 92 शहर में गठित एक आपराधिक घटना में कुछ स्थानीय अपराधी शामिल थे। अगर यह फिल्म इस तक सीमित है तो हमारा कोई ऑब्जेक्शन नहीं है, लेकिन अगर षड्यंत्र के तहत अजमेर शरीफ दरगाह और ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की अजमत और इमेज को नुकसान पहुंचाने की कोशिश हुई तो फिल्मकारों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
मुंबई की रजा अकेडमी और जमीअत उलमा हिंद के बाद अब खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने भी फिल्म अजमेर 92 पर पाबंदी की मांग की है। । इस फिल्म के जरिए ख्वाजा साहब की शान में की गई गुस्ताखी की निंदा की गई है। अंजुमन कमिटी के सचिव सरवर चिश्ती ने कहा कि इस फिल्म को ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती और खादिम समुदाय चिश्ती फैमिली से क्यों जोड़ा जा रहा हैं ? इसमें सिर्फ पॉलिटिकल पार्टी कॉलेज के बहुत सारे स्टूडेंट्स और कर्मचारी शामिल थे। एक ही कम्युनिटी के लोगों को टारगेट करना उचित नहीं है। चिश्ती ने कहा कि इस फिल्म को हिंदू-मुस्लिम एंगल से जोडऩा गलत है।