बीजिंग।   दो महीनों में पूरी दुनिया में भूकंप की कुछ असामान्य गतिविधियां देखने को मिली हैं। एक के बाद एक आए शक्तिशाली भूकंप ने इक्वाडोर, जापान, म्यांमार, अफगानिस्तान और इंडोनेशिया को हिलाकर रख दिया है और दर्जनों लोगों की मौत हुई है। कई बार सुनामी के अलर्ट जारी हुए हैं। यह महज एक संयोग है या हमारे भूमंडल ने एक बार फिर भूकंप का ढंग अख्तियार कर लिया है, जिससे एक के बाद एक बड़े भूकंप आएंगे।  विशेषज्ञ भी जल्द किसी निष्कर्ष पर पहुंचने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि हाल में आए इन भूकंपों का आकार और आवृत्ति अभी सामान्य दायरे में ही हैं।

उठे मदद के हाथ

अमेरिका-मैक्सिको ने बचाव एवं राहत दल इक्वाडोर भेजे हैं। स्पेन में दान अभियान शुरू किया है। सरकार ने बचाव पुनर्निर्माण कार्यों के लिए 30 करोड़ डॉलर निर्धारित किए हैं।

विशेषज्ञों की राय

अमेरिकन जियोलॉजिकल सर्वे के विज्ञानी रैंडी बाल्दविन ने कहा कि यह कहना कठिन है कि पृथ्वी एक और भूकंप सक्रिय अवधि से गुजर रही है। भूकंप संभावित क्षेत्रों में कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है। लेकिन अभी तक विभिन्न भूकंपीय क्षेत्रों के भूकंप की सक्रियता से जुड़े होने के कोई संकेत नहीं हैं।

जटिल हैं भूकंप के कारण

विशेषज्ञों का कहना है कि भूकंप के कारण जटिल हैं। जापान और दोनों देश ठीक परि प्रशांत भूकंप मेखला (सरक्यूम-पेसिफिक सिसमिक बेल्ट) पर स्थित हैं। इसलिए ही इन दोनों देशों में बार-बार भूकंप आते हैं।

20 घंटे बाद बच्ची को सकुशल निकाला

भूकंप के 20 घंटे बाद रविवार दोपहर को पेडेरनल्स में मलबे के ढेर से एक बच्ची को सकुशल बाहर निकाला गया। पिता एमैन्युल सीसी ने कहा कि परिवार के 4 सदस्य बच गए, लेकिन पांच अन्य की मौत हो गई है।