नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन हटाने संबंधी नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर 27 अप्रैल तक रोक लगा दी। इस फैसले के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन फिर से लागू हो गया है। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर केंद्र सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट यह फैसला सुनाया। गौरतलब है कि नैनीताल हाईकोर्ट ने गुरुवार को अपने आदेश में उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने को अनुचित बताते हुए इसे हटाने के आदेश दिए थे और हरीश रावत को 29 अप्रैल को विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा था। केंद्र सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने हाईकोर्ट के आदेश पर 27 अप्रैल तक रोक लगा दी। अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने मीडियो को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने के साथ ही केन्द्र सरकार को यह निर्देश दिया है कि वह अगली सुनवाई से पहले राज्य से राष्ट्रपति शासन न हटाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि 26 अप्रैल तक सभी पक्षों को हाईकोर्ट के फैसले की प्रति उपलब्ध करा दी जाए, जिससे के वे अगली सुनवाई 27 अप्रैल को अपना पक्ष रख सकें। उन्होंने कहा कि आज के आदेश का सीधा मतलब है कि उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन फिर से बहाल हो गया है और अब मुख्यमंत्री तथा उनके मंत्रिमंडल को कोई निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट का फैसला आने के कुछ ही घंटे बाद हरीश रावत ने मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई थी और उसमें कुछ फैसले भी लिए गए थे।