लॉयन न्यूज बीकानेर। यज्ञाचार्य कर्मकाण्डी पण्डित नथमल पुरोहित ने बताया कि जिसने यज्ञोपवित धारण कर रखी है उसको नित्य प्रतिदिन संध्या करनी आवश्यक है और इसमें न्यास और मुद्राओं का विशेष महत्व है, इससे भगवान प्रसन्न होते है। और इसे किसी सदरू के मार्गदर्शन में इसका सही अभ्यास करते हुए करना चाहिए।