नई दिल्ली। देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली लोकसभा में बजट पेश कर रहे हैंइससे पहले उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। यह 2019 के आम चुनाव से पहले मोदी सरकार का आखिरी फुल बजट है, क्योंकिअगले साल इंटरिम बजट आएगा। इस बजट से कई मुद्दों पर देश को उम्मीद हैं। जैसे- क्या सरकार इनकम टैक्स पर मिलने वाली छूट की सीमा बढ़ाएगी। क्या वह पेट्रोल-डीजल सस्ता करने के लिए भी कदम उठाएगी। नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कहा था कि इस बार का बजट सामान्य से सामान्य आदमी की आशाओं को पूरा करने वाला होगा।

बजट की अहम बातें:

इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाएंगे, गरीबी को खत्म करेंगे

– अरुण जेटली ने कहा- परंपराओं के मुताबिक सभा को स्थगित किया जाता है, लेकिन 2018-19 के बजट को पेश करने के लिए आज की बैठक है। इसलिए असाधारण स्थितियों में बजट पेश करने के संवैधानिक कार्य को पूर्ण किया जाएगा। सभा 2 फरवरी को स्थगित की जाएगी। मैडम स्पीकर, मैं 2018-19 का बजट पेश करने के लिए खड़ा हुआ हूं। चार साल पहले हमने देश की जनता को पारदर्शी सरकार का वादा किया था। हमने ऐसी लीडरशिप का वादा किया था जो तकलीफों को कम करेगी, इन्फ्रास्टइन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाएंगे, गरीबी को खत्म करेंगे।”

पटरी पर आ गई भारतीय अर्थव्यववस्था

– “जब हमारी सरकार आई तो बहुत सारी चीजें टूटी बिखरी थीं। बहुत सारे फैसले लेने थे। मोदी जी के नेतृत्व में हमने रिफार्म किए। फैसले लिए। आज भारत दुनिया की बढ़ती हुई इकोनॉमी बन गया है।

जब भ्रष्टाचार शिष्टाचार का अंग बन गया था, आज हमारे नागरिक ईमानदारी का जीवन जीने के लिए आगे आए हैं। नोटबंदी के कारण जो बड़ी मात्रा में करंसी सर्कुलेशन में थी उसमें कमी आई है। दिवालिया कानून हम लेकर आए हैं। इससे लेनदेन करने के आसानी हो रही है। ये संबंध ईमानदार हो रहे हैं। जितने भी ढांचागत सुधार किए गए हैं, उससे भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है। भारतीय अर्थव्यवस्था पटरी पर आ गई है। भारत ने 7.5% की विकास दर हासिल की है। भारत की इकोनॉमी 2.5 ट्रिलियन हो गई है। ये माना जा रहा है कि भारत जल्द दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।”

एक्सपोर्ट भी 15 फीसदी की दर से आगे बढ़ेगा

– जेटली ने कहा- “इंटरनेशनल मॉनीटरी फंड ने अपने लेटेस्ट फोरकास्ट में कहा है कि भारत तेजी से आगे बढ़ेगा और जीडीपी भी बढ़ेगी। हमारा एक्सपोर्ट भी 15 फीसदी की दर से आगे बढ़ेगा। स्ट्रक्चरल रिफार्म के लिए हमने कुछ योजनाएं शुरू की हैं। इसमें किसान, महिलाएं, गरीब शामिल हैं। इस साल भी हमारा बजट ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर केंद्रित रहेगा। सीनियर सिटिजन, अच्छे स्वास्थ्य, जीवन स्तर पर भी हम ध्यान दे रहे हैं।

आवास योजना में ब्याज दरों से राहत दी

– “पीएम गुड गवर्नेंस की बात करते रहे हैं। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में भारत ने उछाल मारी है। भारत इस लिस्ट में बहुत नीचे था। ऐसा पहली बार आया है। गुड गवर्नेंस का आधार यही है कि देश के आम आदमी के जीवन में दखल कम हो। गरीबों को आवास योजना में ब्याज दरों से राहत दी गई है।”

हमने बेहद ईमानदारी से काम किया

– ” सर्टिफिकेट अटेस्ट कराने की बाध्यता खत्म करना और ग्रुप सी और डी की नौकरियों में इंटरव्यू खत्म करने से लाखो नौजवानों के पैसे और समय की बचत हुई है। ये सरकार आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए लोगों को राहत देने के लिए प्रतिबद्ध है। हमने बड़ी ईमानदारी से आर्थिक सुधारों की दिशा में काम किया है। ताकि जरूरतमंदों को योजनाओं और सुविधाएं पहुंचाई जा सकें। इसमें हमने बिचौलियों को खत्म किया है।”

किसानों की आय दोगुना करने का हमारा लक्ष्य

– ” भ्रष्टाचार का खात्मा हुआ है। प्रत्यक्ष कर में सुधार दुनिया में भारत की बड़ी सफलता के रूप में सामने आया है। कई दशकों तक भारत में एग्रीकल्चर की नीति उत्पादन तक केंद्रित रही है। 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का हमारा लक्ष्य है। इसके लिए हम किसानों से उम्मीद करते हैं कि और ज्यादा उनका उत्पादन बढ़ेगा। खेती हो या गैर कृषक कार्य, वहां पर किसानों की आय बढ़ाने का हमारा प्रयास है। अथक परिश्रम का परिणाम है कि कृषि उत्पादन रिकॉर्ड पर है। 275 मिलियन टन खाद्यान्न और 300 मिलियन टन फलों का उत्पादन हुआ है।”

खरीफ की सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन बढ़ाने का फैसला
– “रबी की अधिकांश फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत से डेढ़ गुना तय किया जा चुका है। अब हम बची हुई फसलों के लिए भी इस संकल्प को सिद्धांत की तरह लागू करने का फैसला ले रहे हैं। मुझे खुशी हो रही है कि तय सिद्धांत के अनुसार सरकार ने आगामी खरीफ की सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य उत्पादन लागत से डेढ़ गुना करने का फैसला लिया है। ये ऐतिहासिक फैसला किसानों की आय दोगुनी करने में अहम होगा। न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा देना ही पर्याप्त नहीं है। ये जरूरी है कि घोषित एमएसपी का पूरा लाभ मिले। अगर बाजार के दाम एमएसपी से कम हो तो या सरकार खरीदी करे या पूरी एमएसपी के लिए दूसरी व्यवस्था करे। नीति आयोग इसके लिए व्यवस्था तैयार करेगा।”

वेयर हाउस पर जोर दे रहे हैं
-“सरकार सभी अन्य मंत्रालयों के साथ बात कर रही है ताकि किसानों को फसल का सही दाम मिल सके। वेयर हाउस की व्यवस्था को सुधारे जाने पर भी जोर दिया जा रहा है। 46 फीसदी किसान छोटे हैं और सीमांत किसान हैं उनकी ऐबीएमसी तक सीधी पहुंच नहीं है। हम ऐसा ग्रामीण मार्केट बनाने जा रहे हैं, जिससे किसान सीधे जुड़ सके। ग्रामीण हाट कृषि बाजार के रूप में डेवलप होंगे। 2000 करोड़ का कोष इसके लिए रखा गया है। ये काम मार्च 2019 तक खत्म हो जाएगा।”

गांवो को सड़कों से जोड़ा जाएगा
-” जितने गांव हैं, उन्हें ग्रामीण बाजारों के साथ अच्छी सड़कों से जोड़े जाने की व्यवस्था है। भारत एक कृषि प्रधान देश है, वैसे ही देश के जिलों में विशिष्ट कृषि उत्पादन के लिए जाने जाते हैं। जैसे उद्योग जगत में क्लस्टर बेस डेवलपमेंट का मॉडल है, वैसे ही जिलों में भी क्लस्टर मॉडल पर हार्टीकल्चर को डेवलप किए जाने की जरूरत है।”

ऑर्गेनिक खेती के लिए 200 करोड़ रुपए खर्च होंगे
– “1000 से ज्यादा हेक्टेयर वाले क्षेत्रों में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। ऐसे पौधे जिनका दवाइयों में इस्तेमाल होता हो, उनका भी उत्पादन बढ़ाने पर सरकार जोर दे रही है। 200 करोड़ रुपए इसके लिए रखे गए हैं। फूड प्रोसेसिंग 8 फीसदी की दर से हर साल बढ़ रहा है। इसके लिए 715 करोड़ रुपए रखे गए थे। टमाटर, प्याज और आलू बेसिक वेजिटेबल हैं। सालभर इसका इस्तेमाल होता है। ऑपरेशन फ्लड की तर्ज पर ऑपरेशन ग्रीन की स्थापना होगी। 500 करोड़ रुपए रखे जाएंगे। भारत का कृषि उत्पादन का निर्यात 100 बिलियन यूएस डॉलर से ज्यादा है।”

किसान क्रेडिट कार्ड योजना को और प्रमोट किया जाएगा
– 42 मेगा फूड पार्क का हम प्रस्ताव कर रहे हैं स्टेट ऑफ आर्ट के लिए। किसान क्रेडिट कार्ड योजना का विस्तार, फिशरी और एनिमल हजबैंडरी का भी प्रस्ताव कर रहे हैं। राष्ट्रीय बांस मिशन के लिए 1290 करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा गया है। बहुत से किसान सौर ऊर्जा वाले वाटर पंप लगाना चाहते हैं, इसके लिए सरकार मदद देगी। नाबार्ड के तहत भारत सरकार ने सिंचाई कोष बनाया था, इसमें विकास के अलग सेक्टर्स के 42 कमांड एरिया पर ध्यान दिया गया है। पिछले साल भी डेयरी, माइक्रो इरीगेशन पर जोर दिया था। फिशरी और एक्वाकल्चर डेवलपमेंट फंड की स्थापना सरकार करेंगे।

किसानों को कर्ज आसानी से मिले इस पर काम होगा
– “मछली पालन और पशु पालन के लिए दो नए फंड हैं, जिसके लिए 10 हजार करोड़ रुपए रखे जा रहे हैं। कृषि क्षेत्र में संस्थागत कर्ज के लिए साढ़े आठ लाख करोड़ से बढ़कर 10 लाख करोड़ किया गया था। 2018-19 में इसे 11 लाख करोड़ करने का प्रस्ताव करता हूं। किसान कृषि लोन से वंचित रह जाते हैं। नीति आयोग राज्य सरकारों के साथ विचार कर रहा है, ताकि ऐसा सिस्टम बने, जिससे किसानों को कर्ज लेने में सुविधा मिले।”

पिछले तीन साल में गरीबों के लिए का किया
– “हरियाणा, पंजाब, दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या के निपटारे के लिए काम करना था। गरीबी को बहुत करीब से देखकर हमारा शीर्ष नेतृत्व यहां तक पहुंचा है। गरीब और मध्यम वर्ग के लिए वे खुद ही केस स्टडी हैं। पिछले तीन सालों से सरकारी योजनाओं का केंद्र गरीब और मध्यम वर्ग रहा है। ये सरकार गरीबों की समस्याओं को दूर करने का प्रयास करती रही है।”

8 करोड़ गरीब महिलाओं को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन
– “लकड़ी के धुएं से मुक्ति के लिए पीएम ने उज्ज्वला योजना शुरू की थी। इसके तहत सरकार 8 करोड़ गरीब महिलाओं को मुफ्त कनेक्शन देगी, पहले 5 करोड़ लक्ष्य था। पीएम सौभाग्य योजना के तहत 4 करोड़ घरों को बिना शुल्क के बिजली दी जा रही है। 16 हजार करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन से गरीबों को लाभ पहुंचा है।”

6 करोड़ शौचालय बनाए, अब 2 करोड़ और बनाएंगे
– ” 6 करोड़ शौचालय बनाए गए हैं, इसका सकारात्मक प्रभाव नारी की गरिमा, बेटी की शिक्षा और परिवार के स्वास्थ्य पर पड़ा। हमारा आगे 2 करोड़ शौचालय बनाने का लक्ष्य है।”

हर गरीब को घर देंगे 2022 तक
– “गरीब की चिंता सिर पर छत की होती है। गरीब को बस ईमानदारी की कमाई से छोटा सा मकान चाहिए होता है। इसके लिए सरकार मदद कर रही है। 2022 तक देश के हर गरीब को घर देने का लक्ष्य है। पीएम आवास योजना ग्रामीण के तहत 2017-18 और 2018-19 में एक करोड़ घर बनाए जा रहे हैं। इसके लिए फंड की स्थापना होगी।

शिक्षकों की क्वालिटी पर ध्यान देंगे
– ” हेल्थ, एजुकेशन और सोशल प्रोटक्शन भारत सरकार के लिए अहम है। हम प्री नर्सरी से 12वीं तक शिक्षा को एकसाथ देखना चाहते हैं, जिससे इस क्षेत्र में विकास होगा। शिक्षकों की क्वालिटी को हम सुधारना चाहते हैं। इनकी ट्रेनिंग पर ध्यान देने की जरूरत है। ये नाजुक हालात हैं। डिजिटल इंटेंसिटी को हम बढ़ावा दे रहे हैं। शिक्षकों के लिए एकीकृत बीएड शुरू किया जा रहा है।”

एकलव्य मॉडल रेजिडेंशिय स्कूल बनेंगे आदिवासी इलाकों में
– “आदिवासी इलाकों में उसी परिवेश में शिक्षा दिए जाने का प्रयास किया जा रहा है। अब हमने तय किया है कि 2022 तक आदिवासी इलाकों में एकलव्य मॉडल रेजिडेंशिय स्कूल बनेंगे। ये सर्वोदय विद्यालय की तर्ज पर होगा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी हम बड़ी पहल कर रहे हैं। अगले 4 साल में एक लाख करोड़ रुपए इसके लिए रखे जाने का प्रस्ताव है। 2022 तक राइज को लॉन्च किया जाएगा। इसमें पब्लिक और प्राइवेट क्षेत्रों की संस्थाओं को लिया जाएगा। बड़ोदरा में रेलवे यूनिवर्सिटी का गठन होगा। आईआईटी के तहत 18 प्लानिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर के स्कूल खोले जाएंगे। पीएम रिसर्च एंड फेलोशिप प्रोग्राम में 100 छात्रों का चयन किया जाए जिन्हें शिक्षा और फेलोशिप दी जा सके।”

हेल्थ वेलनेस सेक्टर के लिए 1200 करोड़ रुपए
– ” केवल स्वस्थ भारत ही समृद्ध भारत बन सकता है। इस दिशा में दो बड़े कदम हैं। डेढ़ लाख हेल्थ सेंटर बनाए गए थे, ये सेंटर लोगों के करीब तक पहुंचेंगे ताकि लोगों को मुफ्त दवाएं और जांच की सुविधा मिल सके। 1200 करोड़ रुपए हेल्थ वेलनेस सेक्टर के लिए रखे जाएंगे। हम सभी जानते हैं कि लाखों परिवारों के इलाज पर लाखों रुपए खर्च होते हैं।”

10 करोड़ परिवारों को हेल्थ प्रोटेक्शन
– ” राष्ट्रीय बीमा योजना में गरीब परिवारों को शामिल किया गया है। बहुत सी राज्य सरकारों ने भी इसमें मदद की है। हम नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम की शुरुआत कर रहे हैं। 10 करोड़ गरीब और जरूरतमंद परिवारों को जोड़ा जाएगा। 5 लाख रुपए हर परिवार को हर साल दिए जाएंगे। ये दुनिया में सरकार की तरफ से हेल्थ की दिशा में उठाया गया सबसे बड़ा कदम है।”
– ” आयुष्मान भारत प्रोग्राम से 2022 में न्यू इंडिया के मिशन के पूरा होने में मदद मिलेगी। इन दो योजनाओं से लाखों रोजगारों का सृजन होगा। यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। टीबी से बहुत सारे लोगों की जान जाती है। सभी टीबी पेशेंट के सपोर्ट के लिए 600 करोड़ रुपए देने का प्रस्ताव कर रहे हैं।”