लॉयन न्यूज, नई दिल्ली। उज्ज्वला योजना के तहत 8 करोड़ गरीब महिलाओं को मुफ्त गैस कनेक्शन देने की बात कहते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साफ कर दिया कि सरकार का ध्यान महिला सशस्त्रीकरण पर भी है।

व्यापार शुरू करने के लिए मुद्रा योजना के तहत 76 फीसद कर्ज लेने वाली महिलाएं हैं। 2022 तक हर गरीब को घर देने का लक्ष्य है। शहरी क्षेत्रों में 37 लाख मकान बनाने को मंजूरी दी गई है।

महिला कर्मचारियों के ईपीएफ में 3 साल तक 8 फीसदी का योगदान करेगी सरकार।

महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में जुटी सरकार बजट में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए कुछ बड़ी घोषणाएं कर सकती है। इसमें सभी राज्यों में महिलाओं के लिए अलग से विश्वविद्यालय खोलने जैसी घोषणा हो सकती है।

बजट 2018 में महिलाओं के लिए नौकरियों की सौगात ला सकते हैं। दरअसल, महिला कर्मचारियों की संख्या को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई तरह की घोषणाएं कर सकती है।

सरकार का यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा सकता है क्योंकि सरकार सभी सेक्टरों में महिलाओं की समानता पर बात करती है। यह भी कहा जा रहा है कि बजट में देश के श्रम बल में महिला-पुरुष के बीच के अंतर को कम करने पर भी जोर दिया जाएगा।

एक रिपोर्ट के मुताबिक, अंडर ग्रेजुएट लेवल पर महिलाओं का फीसद कुल नामांकित छात्रों में 47 फीसद ही है। पुरुषों की भागीदारी 53 फीसद है। इंजीनियरिंग के क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी मात्र नौ फीसद ही है। सरकार की कोशिश आने वाले तीन सालों में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उनकी हिस्सेदारी बढ़ाकर बीस फीसद तक पहुंचना है।