नई दिल्ली। केंद्र सरकार अपनी सभी योजनाओं के साथ ‘प्रधानमंत्री’ या राष्ट्रवादी नेताओं के नाम जोड़ने पर विचार कर रही है। साथ ही केन्द्र सरकार फिल्म थिएटर्स में फिल्मों के प्रदर्शन से पहले जनता को अपनी उपलब्धियों के बारे में बताने लिए वृत्तचित्रों को अनिवार्य रूप से दिखाने का भी फरमान जारी कर सकती है।

केन्द्र सरकार की जन सरोकार से जुड़ी योजनाओं तथा उपलब्धियों को देश के राज्यों और जिलों में लोगों तक पहंचाने के लिए उपाय सुझाने की खातिर गठित मंत्री समूह ने केंद्रीय योजनाओं के साथ ‘प्रधानमंत्री’ तथा अन्य राष्ट्रवादी नेताओं के नाम जोड़ने और सरकार की उपलब्धियों के बारे में थिएटर्स में फिल्मों के प्रदर्शन से पहले वृत्तचित्र दिखाए जाने सहित कई अन्य सुझाव दिए हैं।

संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू की अध्यक्षता में संपन्न हुई मंत्री समूह की बैठक में पूर्ववर्ती और वर्तमान सरकार की उपलब्धियों की तुलना करते हुए हास परिहास वाली एनीमेशन क्लिप तैयार करने तथा इन सुझावों को अमल में लाने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ मिलकर काम करने पर चर्चा हुई।

मंत्री समूह ने हर दो सप्ताह में सरकार की उपलब्धियों को बताने के लिए एक वृत्तचित्र तैयार करने का सुझाव दिया, जिसे हर थिएटर में फिल्मों के प्रदर्शन से पहले दिखाना अनिवार्य होगा। समूह ने इसके लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की मदद लेने की सिफारिश की गई है।

राज्य सरकारों पर केंद्रीय योजनाओं का श्रेय लेने के आरोपों की पृष्ठभूमि में मंत्री समूह ने यह भी सुझाव दिया कि केंद्रीय योजनाओं का उद्घाटन केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों की उपस्थिति में किया जाए ताकि केंद्र की भूमिका उजागर हो सके। मंत्री समूह ने सांसदों को केन्द्रीय योजनाओं के कार्यान्वयन की जांच करने का संवैधानिक अधिकार देने और उनके अधिकारों में वृद्धि करने तथा योजना के कार्यान्वयन में कोताही का पता चलने पर इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर जुर्माना लगाए जाने की व्यवस्था बनाने का सुझाव दिया है।

यदि सरकार इन सुझावों पर अमल करती है तो जिलों में केन्द्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी का अधिकार सांसद के पास होगा। वर्तमान में केन्द्रीय योजनाओं की निगरानी जिला मजिस्ट्रेट या पुलिस अधीक्षक की अगुवाई में एक समिति करती है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इन सुझावों को लागू करने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं।

मीडिया में केन्द्र सरकार की कवरेज बढ़ाने के लिए मंत्री समूह ने सुझाव दिया है कि सरकार के प्रत्येक मंत्री को हर सप्ताह एक विशेष समाचार एजेंसी के अलावा राष्ट्रीय प्रसारकों दूरदर्शन एवं आकाशवाणी पर कम से कम दो साक्षात्कार देना चाहिए।