लॉयन न्यूज बीकानेर। रविवार 5 मई को 17000 से अधिक त्यचा रोग विशेषज्ञ, जो अखिल भारतीय त्वचा रति एवं कुष्ठ रोग विशेषज्ञों के महासंघ के सदस्य है जिसे आईएडीवीएल के नाम से भी जाना जाता है, सामूहिक रूप से प्रतिज्ञा लेकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सफलता हासिल करने की तैयारी कर चुके है। आईएडीवीएल राजस्थान के पूर्व मानद सचिव बीकानेर के त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. बी. सी. घीया ने बताया कि त्वचा विज्ञान कि देखभाल को सुचारू बनाने, सार्वजनिक जागरूकता को बढ़ावा देने और त्वचा संबंधी रोगों और कॉस्मेटिक बीमारियों से प्रभावित लोगों के जीवन में सकारात्मक प्रभाव डालने के प्रति समर्पण के लिए ज्ञान के प्रसार के लिए मानक स्थापित करने की जन जागरूकता के लिए योग्य त्वचा विशेषज्ञों द्वारा विश्व में यह एक पहला और अनूठा प्रयास है।

 

आईएडीवीएल की राजस्थान शाखा के मानद राज्य अध्यक्ष डॉ. मुकेश सैनी ने बताया कि यह बड़ा प्रयास रविवार 5 मई 2024 को इस प्रतिज्ञा के साथ ऑनलाइन रजिस्टर किया जाएगा कि ‘आईएडीवीएल के एक गौरवान्धित सदस्य के रूप में मैं व्यावसायिकता के उच्चतम मानकों को संरक्षित करने की गंभीरता से प्रतिक्षा करता हूं। और एक त्वचा विशेषज्ञ, वेनेरोलॉजिस्ट और लेप्रोलॉजिस्ट के रूप में मेरी भूमिका में नैतिकता। अटूट प्रतिबद्धता के साथ त्वचा, बाल-नाखून स्वास्थ्य, कुष्ठ रोग और जननांग रोगों के बारे में सामुदायिक जागरूकता को बढ़ाया देते हुए सहानुभूतिपूर्ण देखभाल प्रदान करने का संकल्प लेता हूँ। मैं जीवन भर सीखने और सभी की भलाई के लिए सर्वोत्तम स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के प्रति दृढ समर्पण के लिए प्रतिबद्ध हूं।’ मानद राज्य सचिव डॉ. रविंदर धाबाई ने बताया कि गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड के प्रयास की तैयारी के लिए, ‘आईएडीवीएल सदस्यों के लिए प्रतिक्षा प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के लिए एक समर्पित वेबसाइट के निर्माण सहित हर विवरण की सावधानीपूर्वक योजना बनाई गई है। ‘एक डिजिटल फोरेंसिक टीम को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड मानकों के साथ सटीकता और अनुपालन सुनिश्चित करने, ऑनलाइन प्रतिज्ञाओं का सावधानीपूर्वक ऑडिट करने के लिए लगाया गया है। तथा इसके साक्ष्य प्रस्तुत करना इस प्रयास के प्रति हमारी अखंडता और प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।

 

डॉ. बी.सी. धीया ने बताया कि आईऐवीवीएल की स्थापना 1973 में हुई थी और यह भारतीय त्वचाविज्ञान देखभाल में विशेषज्ञता और दिव्यास के प्रतीक के रूप में खड़ा है। त्वचा, यौन एवं और कुष्ठ रोग विशेषज्ञों सहित 17000 से अधिक योग्य सदस्यों के साथ, आईएडीवीएल मानकों को स्थापित करने, ज्ञान का प्रसार करने और शीर्ष स्तरीय त्वचाविज्ञान कि देखभाल की जानकारी देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आज ‘आईएडीवीएल पेशेवर मानको को बनाए रखने में दृढ है. यह सुनिश्चित करते हुए कि मरीजों को साक्ष्य-आधारित देखभाल मिले। जन जागरूकता अभियानों और शैक्षणिक कार्यक्रमों जैसी विभिन्न पहलों के माध्यम से, ‘आईएडीवीएल अपने सदस्यों और जनता दोनों को विश्वसनीय त्वचाविज्ञान ज्ञान के साथ सशक्त बनाता है।