लॉयन न्यूज, बीकानेर। राजस्थानी साहित्य के भंडार को समृद्ध करने की दिशा में बीकानेर से एक बार फिर एक अनुष्ठान प्रारंभ हुआ है। ‘जन तक सृजन’ अभियान के तहत जारी इस अनुष्ठान के पहले चरण में राजस्थानी की सात मौलिक कृतियों का लोकार्पण स्थानीय धरणीधर रंगमंच पर 14 अप्रैल को होगा। नट साहित्य एवं संस्कृति संस्थान की ओर से आयोजित इस समारोह के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के अध्यक्ष तथा राजस्थानी के वरिष्ठ नाटककार, निर्देशक, कवि व समालोचक डॉ. अर्जुनदेव चारण होंगे, अध्यक्षता प्रख्यात समाजसेवी, भामाशाह रामकिसन आचार्य करेंगे। लोकार्पित होने वाली सातों कृतियों पर त्वरित्त टिप्पणी युवा लेखक-समालोचक तथा राजस्थानी के प्राध्यापक डॉ.गौरीशंकर प्रजापत करेंगे।

शाम को साढ़े पांच बजे प्रारंभ होने वाले इस समारोह में कहानी, कविता, नाटक और बाल साहित्य विधा में सात कृतियों का लोकार्पण होगा। कहानी विधा में मधु आचार्य ‘आशावादी’ की ‘रड़कता सुपनां’, हरीश बी.शर्मा की ‘बाजोट’ और ऋतु शर्मा की ‘सरप्राइज’ नाम से कृति है। कविता संग्रह इरशाद अजीज का ‘मन रो सरणाटो’ तथा सीमा भाटी का ‘पैल-दूज’ तथा नाटक रामसहाय हर्ष का ‘जाग मिनख तू नींद सूं है। बाल साहित्य के क्षेत्र में में बुलाकी शर्मा का ‘जीतगी जमना’ कहानी संग्रह है।

पहली बार जहां एक साथ अलग-अलग लेखकों की सात मौलिक राजस्थानी कृतियों का लोकार्पण हो रहा है, जिसमें से चार लेखकों ने पहली बार राजस्थानी में लिखा है। उर्दू के रचनाकार इरशाद अजीज व सीमा भाटी, रंगकर्मी रामसहाय हर्ष और हिंदी में लिख रही ऋतु शर्मा की यह पहली कृति है।