सीकर।   दुष्कर्म के बाद 22 ऑपरेशन ने दामिनी को पहले ही तोड़ कर रख दिया था। अब अच्छा खाना नसीब नहीं होने के कारण वह बीमार पड़ गई है। परिजनों का कहना है कि दामिनी की हालत खराब होती जा रही है।बार-बार  उल्टियां होने से उसका शरीर कमजोर पड़ता जा रहा है। लेकिन, पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है। जबकि मदद की गुहार कलक्टर से लेकर एसपी तक लगाई जा चुकी है। पीडि़ता की मां व बहन ने बताया कि पेट भरने के लिए किसी के सहयोग चावल व दाल भिजवाए जा रहे थे।लेकिन, पिछले एक महीने से वह भी बंद हो गए। ना प्रदेश की सरकार से और ना ही बिहार सरकार से कुछ हासिल हो रहा है। जो कुछ मिला था वह दामिनी के इलाज के दौरान पूरा हो गया। अब हालात यह हैं कि गैस सिलेंडर तक खाली पड़ा है। चूल्हा जलाने के लिए लकडि़यों का बंदोबस्त करना पड़ रहा है।

सता रहा है डर

प्रशासन ने रैन बसेरे में शुक्रवार को कुछ और लोगों को ठहरा दिया है। एेसे में सुरक्षा की चिंता भी सताने लगी है। उल्लेखनीय है कि 2012 में कुछ दरिंदों ने एक बेबस मासूम को दरींदगी का शिकार बना डाला था। आरोपी पकड़े भी गए लेकिन, अभी तक कानूनन तौर पर उनको सजा नहीं मिल पाई है।दामिनी को मिले अच्छा माहौल  पीडि़ता की बहन ने बताया कि दामिनी पिछले कई सालों से रैन बसेरे में दिन काट रही है। एेसे में प्रशासन द्वारा उसके रहने की अच्छी जगह व्यवस्था की जानी चाहिए।दुष्कर्म के आरोपियों को कड़ी सजा के साथ-साथ पीडि़त परिवार को नौकरी मिले। ताकि बाकी की जिदंगी बसर हो सके। दामिनी की मां के अनुसार घर में एक पैसा नहीं है। जबकि दो-दो बेटियां बिना शादी के कुंवारी बैठी है।