भोपाल। चर्चित वकील और एक्टिविस्ट प्रशांत भूषण ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों पर आपत्तिजनक टिप्पणियां की। उन्होंने न्यायपालिका की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर आरोप लगाए। वे बोले- देश की न्याय प्रणाली चरमरा गई है। इसे सुधारने के लिए देश में बड़ा आंदोलन चलाना होगा।

उन्होंने कहा कि देश में उच्च स्तर पर न्यायपालिका की कोई जवाबदेही नहीं है। कोई ऐसी संस्था बनाई ही नहीं गई जो न्यायपालिका और सरकार से स्वतंत्र हो, पूर्णकालिक संस्था हो जिससे आप शिकायत कर सकें। ऐसी व्यवस्था नहीं होने से न्यायिक प्रणाली दूषित हो रही है। भूषण रविवार को सशक्तीकरण के लिए न्यायिक जागरूकता की आवश्यकता विषय पर टॉक शो में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे।

कानून नहीं जानते उन्हें भी मिल जाती है डिग्री

भूषण ने कहा कि 80 प्रतिशत लोगों की न्यायपालिका तक पहुंच नहीं है। देश में बहुत सारे वकील तो नाम के ही वकील होते हैं। असल में वो कानून जानते ही नहीं। यह देश का दुर्भाग्य है कि कई ऐसे लोगों को लॉ की डिग्री मिली है, वो कानून नहीं जानते।

पहले भी बेबाक बोल..

– नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षाबलों की तैनाती से पहले वहां जनमत संग्रह कराना चाहिए।

– कश्मीर घाटी के लोग यह महसूस करते हैं कि सेना मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रही है और यदि वे अपनी सुरक्षा के लिए सेना की तैनाती नहीं चाहते तो ऐसे में वहां से सेना हटा लेनी चाहिए।