राजसमंद।   शिक्षा विभाग में प्रवेशोत्सव का शुभारंभ मंगलवार को चलो पढ़ाएं, आगे बढ़ाएं, राष्ट्र धर्म निभाएं की थीम पर शुरू होगा। विभाग ने इसके लिए प्रतिदिन का कार्यक्रम तय किया कर लिया है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने प्रवेशोत्सव कार्यक्रम 2016  के दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। विद्यालयों को प्रवेश कि लिए व्यापक स्तर पर प्रचारद्य-प्रसार करना होगा। इसके तहत प्रवेशोत्सव का प्रथम चरण 26  अप्रेल से 10 मई तक एवं द्वितीय चरण 21 से 30 जून तक है।

प्रथम चरण का कार्यक्रम

26  से 30 अप्रेल तक विद्यालय से लक्ष्य समूह की सूचियां प्राप्त कर कार्ड तैयार किए जाएंगे। स्वयं प्रवेश लेने वाले बच्चों को प्रवेश करवाया जाएगा, विद्यार्थियों एवं अध्यापकों की टोलियों का गठन कर उन अभिभावकों से सम्पर्क करेंगे, जिनके बच्चे विद्यालय में अनामांकित हैं। एसएमएस द्वारा किए गए सीटीएस सर्वे अनुसार विद्यालय जाने योग्य बच्चों की खोज की जाएगी। एसडीएमसी एवं अध्यापक-अभिभावक परिषद की बैठक बुलाकर प्रवेशोत्सव के बारे में जानकारी देते हुए इसमें उनका सहयोग लिया जाएगा।1 मई को पंचायती राज विभाग के स्थाई निर्देशानुसार ग्राम पंचायत की आमसभा के आयोजन की स्थाई तिथि के अनुरूप पंचायत मुख्यालय पर ग्रामसभा का आयोजन किया जाएगा। इसमें संस्था प्रधान राजकीय विद्यालयों में विद्यार्थियों को दी जाने वाली सुविधाओं, छात्रवृति एवं प्रोत्साहन योजनाओं के संबंध में जानकारी देंगे। प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में जनसमुदाय की सक्रिय भागीदारी के लिए ग्रामीणों को प्रेरित किया जाएगा।इसी प्रकार 2 मई को विद्यालय परिसर की साज-सज्जा, पौधारोपण करवाया जाएगा एवं घर-घर कार्ड बांटे जाएंगे। 3 मई को स्थानीय जनप्रतिनिधियों, अभिभावकों एवं बच्चों के साथ रैलियों का आयोजन किया जाएगा। इनमें शिक्षा की महत्ता से संबंधित बैनर, स्टीकर, नारों से लोगों को जागरूक करने ढोल-नगाड़े एवं मंजीरों के साथ रैली निकाली जाएगी। 4 मई को स्थानीय जनप्रतिनिधियों, अभिभावकों की उपस्थिति में प्रवेशोत्सव कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा व प्रार्थना सभा के आयोजन में ही नवीन प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों का माला एवं तिलक लगाकर स्वागत किया जाएगा।5 मई को मोहल्ला बैठकों का आयोजन किया जाएगा। इसमें विद्यालयों से वंचित हुए बच्चों के अभिभावकों को स्थानीय जनप्रतिनिधि, सरपंच, वार्डपंच, सदस्य एवं सम्मानित व्यक्ति बच्चों को संबोधित करेंगे। 6  मई को बालसभा एवं ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा, जो बच्चों को प्रवेश दिलाने में प्रेरक हों। 7 मई को विद्यालय में प्रवेश पाने से वंचित हुए बच्चों के अभिभावकों को प्रेरित करने के साथ बच्चों की चित्रकला एवं सुलेख प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा। बच्चों के लिए खेलकूद प्रतियोगिताएं, बाल मेले के  आयोजन किए जाएंगे।8  मई को प्रभातफेरी आयोजन तथा नवप्रवेशी विद्यार्थियों को निशुल्क पाठ्यपुस्तकों का वितरण किया जाएगा। साथ ही अध्यापकों की टोलियां छात्रों एवं अभिभावकों से सम्पर्क कर प्रवेश योग्य बालकों को शाला में प्रवेश को लेकर उनकी समस्याओं का पता लगाएगी और वंचित बच्चों को प्रवेश देने के लिए विशेष प्रयास करेंगी। 10 मई को समारोह आयोजित कर नवप्रवेशी बच्चों का स्वागत, पहचान पत्र, बैज का वितरण किया जाएगा।