रेलवे में कमाई बेमेल, फिर भी इनाम का खेल, जानिए कैसे?
जोधपुर । यह कमाई एक्सप्रेस का एेसा अजब सफर है जिसमें आमदनी का स्टेशन नहीं आया और अफसरों के इनाम का टिकट कट गया। भारतीय रेलवे के 17 जोन (कोंकण रेलवे समेत) में से 10 जोन पिछले साल की तुलना में कमाई में पिछड़ गए, फिर भी रेलवे अपने अधिकारियों को उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित करने जा रहा है। मालगाडिय़ों में माल लदान व ढुलाई के मामले में रेलवे की कमाई वर्ष 2014-15 की तुलना में वर्ष 2015-16 में पिछडी है। जहां रेलवे कमाई में पिछड़ गया, वहीं रेलवे के हर जोन में रेल सप्ताह के तहत उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को सम्मानित किया जा रहा है।
रेलवे पुरस्कार देगा
उत्तर पश्चिम रेलवे भी 21 अप्रेल को उत्कृष्ट कार्यों के लिए 27 अधिकारियों व कर्मचारियों को व्यक्तिगत पुरस्कार व 1 सामूहिक पुरस्कार देगा। बड़ा सवाल यह है कि यदि अधिकारियों व कर्मचारियों ने उत्कृष्ट कार्य किए हैं तो रेलवे कमाई में पिछड़ा क्यों?
ये जोन कमाई में पिछड़े
जोन 2014-15 में लदान 2015-16 में लदान (फीसदी कमी)
उत्तर पश्चिम रेलवे 20.3 17.6, -13.5
पूर्वोत्तर तट रेलवे 11.5 9.5, -17.6
पूर्वोत्तर रेलवे 1.6 1.4, -10.6
उत्तर मध्य रेलवे 11.5 11.3 -1.7
उत्तर रेलवे 54.9 48.9 -10.9
पूर्वी रेलवे 67.3 57.8, -14.1
पश्चिम रेलवे 87.3 79.1, -9.4
दक्षिण रेलवे 39.1 33.4, -14.7
दक्षिण मध्य रेलवे 116.8 107.2, -8.2
कोंकण रेलवे 3.0 2.7, -8.8
(माल लदान- मीट्रिक टन में)
पिछड़े तो घटा दिया अगले साल का टारगेट
भारतीय रेलवे वर्ष 2015-16 में माल लदान के 1190 मीट्रिक टन लक्ष्य हासिल करने में पिछड़ गया और सिर्फ 1104 मीट्रिक टन माल लदान हो पाया। आगामी साल में ऐसे हालात का सामना न करना पड़े इसलिए रेलवे ने वर्ष 2016-17 का माल लदान लक्ष्य घटा कर 1175 मीट्रिक टन कर दिया। यह लक्ष्य पिछले साल 1190 मीट्रिक टन था।