लॉइन न्यूज,बीकानेर। मुक्ति संस्था बीकानेर के तत्वावधान में प्रत्येक माह होने वाले कहानी पाठ कार्यक्रम के अंतर्गत सातवें कहानी पाठ का आयोजन रविवार 20 जनवरी को बीकानेर व्यापार उद्योग मण्डल के सभागार में किया गया। कहानी पाठ कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.मदन सैनी ने की। रविवार को हुए कहानी पाठ के आयोजन में हिन्दी एवं राजस्थानी के दो युवा प्रतिष्ठित रचनाकारों ने कहानी पाठ किया। कथाकार नगेन्द्र किराड़ू ने हिन्दी कहानी मां एवं युवा साहित्यकार भगवती सोनी ने राजस्थानी कहानी बादली का वाचन किया। कहानी पाठ के प्रारम्भ में संस्था के सचिव कवि कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि वर्तमान समय में लिखी जा रही कहानियां पाठकों से रिश्ते बनाने का काम करती है। उन्होंने कहा कि अधिकांश पात्र लेखक के आस-पास होने के कारण कहानी पाठकों को अपनी और आकर्षित करती हैं। जोशी ने कहा कि विश्व साहित्य में कहानी सबसे लोकप्रिय विधा है। कहानी के माध्यम से हम अलग अलग संस्कृति और परम्परा से परिचित होते है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.मदन सैनी ने कहा कि कहानीकार को पात्रों का चयन करते हुए खुद से सवाल करने की जरूरत है।

कहानीकार नगेन्द्र किराड़ू की हिन्दी कहानी मां पर तत्काल टिप्पणी करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार नवनीत पाण्डे ने कहा कि किराड़ू की कहानी मां में एक तरफ ममता और एक तरफ एक मां की निष्ठुरता का संवेदनशील वृतांत है। कथाकार ने पात्रों के माध्यम से एक मां द्वारा झाडिय़ों में फेंकी बच्ची और घोंसला बिखर जाने पर अपने बच्चों को संभालती गिलहरी के देखे दृश्य के माध्यम से कथा सामने रखी है उस मे बताया है कि मां तो मां होती है फिर ऐसा फर्क क्यूं भगवती सोनी की राजस्थानी कहानी बादळी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए युवा साहित्यकार डॉ गौरीशंकर प्रजापत ने कहा कि.राजस्थानी कहानियों ने इस विपरीत समय में भी आम आदमी की संवेदना को बचा के रखा है। इसलिए रचनाकारों का यह दायित्व है कि वह अपनी रचनाओं के माध्यम से जन मानस की पीड़ा तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि नए रचनाकारों का राजस्थानी में कहानियां लिखना राजस्थानी भाषा के विकास के लिए अच्छे संकेत है।

रविवार को पढ़ी गयी कहानियों पर विशेष टिप्पणी करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार मधु आचार्य आशावादी ने कहा की आज की कहानियाँ संवेदना, शिल्प और कथ्य के स्तर पर बेहतरीन कहानियां कही गयी। कहानी पाठ कार्यक्रम के अन्त में कवि.कथाकार राजाराम स्वर्णकार ने सभी के प्रति आभार स्वीकार किया। कार्यक्रम का संचालन शायर इरशाद अजीज ने किया। कार्यक्रम में चन्द्रशेखर जोशी, डॉ. टी के जैन, बुलाकी शर्मा, डॉ नीरज दइया, डॉ प्रमोद चमोली, हरीश बी.शर्मा, कमल रंगा, डॉ. बी. एम खत्री, गिरधर दान रतनू, गिरिराज पारीक, आत्मा राम भाटी, रंगा राजस्थानी, गिरिराज हर्ष, मोनिका गोड़, क़ासिम बीकानेरी एवं कमल पारीक सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित थे । कार्यक्रम के अन्त में वरिष्ठ पत्रकार अभय प्रकाश भटनागर के निधन पर दो मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी गयी।