टैस्सीटोरी प्रवासी प्रज्ञा-सम्मान सांस्कृतिक सेतु है-केडिया
लॉयन न्यूज, बीकानेर। प्रज्ञालय संस्थान श्रीमती कमला देवी-लक्ष्मीनारायण रंगा ट्रस्ट द्वारा राजस्थान सूचना केन्द्र कोलकाता के सहयोग से तीन प्रवासी राजस्थानी विभूतियों को डॉ. टैस्सीटोरी प्रज्ञा-सम्मान कोलकाता के सूचना केन्द्र के भव्य सभागार में अर्पित किया गया।
प्रज्ञालय संस्थान के कमल रंगा ने बताया कि प्रवासी राजस्थानी वरिष्ठ साहित्यकार बंशीधर शर्मा को साहित्य के क्षेत्र में राजस्थानी भाषा मान्यता आंदोलन को समर्पित रतन शाह को भाषा के लिए एवं राजस्थानी संस्कृति के संवाहक महावीर प्रसाद बजाज को संस्कृति के क्षेत्र में उक्त सम्मान अर्पित किया गया।

समारोह के संयोजक एवं सहायक निदेशक सूचना केन्द्र हिंगलाज दान रतनू एवं समारोह समन्वयक पं. बंगाल विप्र फाउण्डेशन के महासचिव एवं वरिष्ठ संस्कृतिकर्मी राजकुमार व्यास ने जानकारी दी कि सांस्कृतिक सेतु को समर्पित यह भव्य प्रज्ञा-सम्मान समारोह राजस्थानी के वरिष्ठ विद्वान राजेन्द्र केडिया की अध्यक्षता में हुआ।

समारोह में अध्यक्षता करते हुए राजेन्द्र केडिया ने कहा कि ऐसे आयोजन से राजस्थानी भाषा मान्यता को बल मिलेगा। इसके लिए आयोजक साधुवाद के पात्र हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रवासी राजस्थानी प्रतिभाओं का सम्मान करने की नव पहल करना प्रशंसा योग्य है।
रतनू एवं व्यास ने बताया कि सम्मानित होने वाली विभूतियों को संस्था की ओर से समारोह अध्यक्ष राजेन्द्र केडिया एवं विशिष्ट अतिथि विश्वनाथ चाण्डक ने सम्मान पत्र, शॉल, प्रतीक चिह्न, श्रीफल, माला आदि अर्पित की।

अपने सम्मान के प्रति उत्तर में रतन शाह ने कहा कि टैस्सीटोरी प्रज्ञा-सम्मान से सम्मानित होना मेरे लिए गर्व की बात है। बंशीधर शर्मा ने कहा कि टैस्सीटोरी प्रज्ञा-सम्मान प्रवासी साहित्यकारों को प्रदत करना अच्छी पहल है। इसी क्रम में महावीर प्रसाद बजाज ने कहा कि यह सम्मान हमारी संस्कृति एवं इतिहास को बचाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

इस भव्य एवं गरिमामय समारोह में राजकुमार व्यास, हिंगलाज दान रतनू, अरूण प्रसाद मल्लावत, विश्वनाथ चाण्डक, गायत्री बजाज, सीताराम शर्मा, शान्तनु बंधोपाध्याय, डी एन शर्मा, रामचन्द्र अग्रवाल आदि गणमान्य लोगों ने अपने विचार रखते हुए प्रवासी प्रज्ञा-सम्मान की पहल की प्रशसंा करते हुए कहा कि ऐसे प्रयास से राजस्थानी भाषा साहित्य और संस्कृति की समृद्ध परंपरा को बल मिलेगा।
प्रारंभ में समारोह संयोजक हिंगलाज दान रतनू ने आयोजन की महता के साथ भविष्य में टैस्सीटोरी पर केन्द्रित व अन्य साहित्यक आयोजनों के बारे में शीघ्र रूप रेखा बनाने की बात कही।

 

सभी का स्वागत करते हुए समारोह समन्वयक राजकुमार व्यास ने कहा कि ऐसे प्रयोजनेां के माध्यम से जहां भाषा साहित्य-संस्कृति को प्रचार-प्रसार तो मिलेगा ही वहीं बंगाल एवं राजस्थान की साझा संस्कृति को भी बल मिलेगा। राजस्थान को प्रवासी राजस्थानियों के बीच साहित्य-सांस्कृतिक रिश्तों को नई ऊर्जा मिलेगी।

समारोह में संस्था प्रतिनिधि रमेश जाजड़ा, भैरूरतन रंगा, पीयूष पुरोहित, इन्द्रजीत रंगा ने प्रज्ञालय संस्थान की ओर से प्रवासी सम्मानित प्रतिभाओं एवं गणमान्यों का आभार ज्ञापित किया।
समारोह का संचालन हिंगलाज दान रतनू ने करते हुए प्रवासी टैस्सीटोरी प्रज्ञा-सम्मान एवं आयोजन के उद्देश्यों के बारे में अपनी बात रखी।