लाॅयन न्यूज, बीकानेर/जयपुर। विधानसभा समितियों के गठन के साथ ही प्रदेश में कांग्रेस में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चले रहे विवाद में सुलह के संकेत नजर आने लगे हैं। इन समितियों के गठन में पायलट खेमे के विधायकों को तवज्जो दी गई है। खास तौर पर राजकीय उपक्रम समिति का सभापति इस्तीफे की पेशकश कर चुके विधायक हेमाराम चैधरी को सौंपी गई है। यानी इन समितियों के जरिए पायलट कैंप के नेताओं को एडजस्ट करने के साथ-साथ हेमाराम चैधरी इस्तीफा प्रकरण का भी पटाक्षेप कर दिया गया है। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने अगर हेमाराम चैधरी  को अहम समिति का सभापति बनाया है। इसका सीधा मतलब है कि उनका इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया है। इसका दूसरा सियासी संदेश यह है कि आने वाले दिनों में मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों में भी पायलट कैंप को तवज्जो मिल सकती है।

हेमाराम चैधरी के नियुक्ति प्रदेश की राजनीति में एक बड़े प्रकरण के पटाक्षेप के रूप में भी देखी जा रही है। दरअसल हेमाराम चैधरी अपने विधानसभा क्षेत्र में में काम नहीं होने की शिकायत को लेकर अपना इस्तीफा 18 मई को ईमेल व डाक से पहुंचा चुके थे। लेकिन उन्हें लाॅकडाउन के बाद आने का कहकर उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया। इसके बाद भी विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से दो बार मिलने गये हेमाराम को लाॅकडाउन का हवाला देकर बैरंग लौटा दिया गया। इसी बीच राजकीय उपक्रम समिति का सभापति बनाने से यह माना जा रहा है कि हेमाराम चैधरी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जायेगा।

हेमाराम चैधरी के अलावा पायलट कैंप के अन्य विधायकों को भी अहम जिम्मेदारियां दी गई हैं। सचिन पायलट समर्थक विधायक मुरारीलाल मीणा को जनलेखा समिति और सरकारी आश्वासनों संबंधी समिति सदस्य बनाया है। वेद प्रकाश सोलंकी को विशेषाधिकार समिति और अधीनस्थ विधान समिति, राकेश पारीक को नियम समिति, पर्यावरण संबंधी समिति में सदस्य बनाया। रामनिवास गावड़िया को पुस्तकालय समिति और पिछड़े वर्ग के कल्याण संबंधी समिति में लिया है। जीआर खटाणा को याचिका समिति और पिछड़े वर्ग के कल्याण संबंधी समिति में लिया है। इसके अलावा हरीश मीणा को एस्टीमेट कमेटी ए में, इंद्राज सिंह गुर्जर को सरकारी आश्वासनों संबंधी समिति में सदस्य बनाया है। अमर सिंह जाटव को एससी कल्याण समिति का सदस्य बनाया है। वीरेंद्र सिंह को राजकीय उपक्रम समिति का और पिछड़े वर्ग के कल्याण संबंधी समिति में लिया है।

वर्तमान सियासी हालातों में इन समितियों में पायलट कैंप के विधायकों को अहम जिम्मेदारियां मिलने से संदेश गया है कि पार्टी आलाकमान राजस्थान के सियासी मसलों का हर हाल में समाधान चाहता है। यानी कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों में भी पायलट कैंप को तवज्जो मिल सकती है।