अजमेर। जेएलएन अस्पताल के शिशु रोग विभाग में रात के समय ड्यूटी पर कार्यरत स्टाफ की ढिलाई भी सामने आई है। पहले बच्चे की मौत के बाद उन्होंने वरिष्ठ चिकित्सकों को इसकी जानकारी नहीं दी। वहीं वरिष्ठ चिकित्सकों ने भी अपनी-अपनी यूनिट के भर्ती मरीजों की खैर खबर नहीं ली। बताया जा रहा है कि शनिवार देर रात 12.50 पर एक बच्चे की मौत की सूचना ऑनकॉल वरिष्ठ चिकित्सक को नहीं दी गई। विभागाध्यक्ष डॉ. बी.एस. कर्नावट के अनुसार रात्रि में तीन रेजीडेंट डॉक्टर कार्यरत थे। रेजीडेंट डॉक्टरों ने भले ही भरसक इलाज की कोशिश की हो मगर वरिष्ठ चिकित्सकों के नदारद रहना कहीं ना कहीं लापरवाही दर्शाता है।

पांचवें बच्चे की मौत के ढाई घंटे बाद पहुंचे

अस्पताल में पांचवें बच्चे की मौत सुबह करीब 6.30 बजे हुई। इसके करीब ढाई घंटे बाद वरिष्ठ चिकित्सक अस्पताल में पहुंचे। रोजमर्रा की तरह ड्यूटी पर पहुंचे चिकित्सकों के होश तब उड़ गए जब मीडिया एवं अन्य भर्ती बच्चों के परिजन की भीड़ लग गई। आईसीयू ही नहीं पूरे अस्पताल में रात्रि के समय एक भी नर्स ग्रेड प्रथम ड्यूटी पर नहीं था। बताया जा रहा है कि अस्पताल में किसी भी विभाग में नर्स ग्रेड प्रथम इवनिंग एवं रात्रि ड्यूटी नहीं करते हैं। जिला कलक्टर गोयल ने भी इसे गंभीरता से लिया।

आईसीयू का ट्रेम्प्रेचर नहीं मेंटेन

शिशु रोग विभाग की गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में टे्रम्प्रेचर मेेंटेन की बात चिकित्सक भले ही कह रहे हों मगर भीषण गर्मी में आईसीयू भी तप रहा था। यहां का एसी ही बंद पड़ा था। जिला कलक्टर गौरव गोयल जब अस्पताल पहुंचे और आईसीयू का दौरा किया जाना था उससे पहले कर्मचारी की ओर से आईसीयू को दुरुस्त करने का प्रयास किया गया।

अन्य बच्चों के परिजन दहशत में

रविवार को रात्रि से सुबह तक बच्चों की मौतों के सिलसिले के बाद प्रशासन, चिकित्सक, संगठनों के पदाधिकारियों की आईसीयू में आवाजाही से अन्य भर्ती बच्चों के परिजन भी दहशत में आ गए। यही नहीं उन्होंने बच्चों के इलाज को लेकर भी संशय जाहिर किया।