कोटा। .पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल में एक टिकट निरीक्षक को वाणिज्य विभाग के एक अधिकारी के परिचित से टिकट मांगना भारी पड़ गया। हुआ यूं कि टिकट निरीक्षक संजय जैन रतलाम से कोटा के बीच स्लीपर कोच में ड्यूटी कर रहे थे। एस-7 कोच में टिकट चैकिंग के दौरान जैन ने एक यात्री, जो रेलकर्मचारी है उससे टिकट मांगा तो उसने उपयोग किया हुआ पुराना पास दिखाया। इस पर जैन ने कहा, यह पुराना है, टिकट दिखाओ नहीं तो नियमानुसार पेनल्टी चुकाओ।

इस पर यात्री ने अपने वाणिज्य विभाग के बड़े रेलवे अधिकारी को फोन लगाकर टिकट निरीक्षक से कहा, अपने साहब से बात करो। टिकट निरीक्षक के अनुसार फोन पर रेलवे अधिकारी ने कहा, ये मेरा रिश्तेदार हैे, इसे छोड़ दे, नहीं तो अच्छी तरह नौकरी करना सिखा दूंगा, सोमवार को चेम्बर में आना। इतना ही नहीं बिना टिकट यात्री का सामान फेंकने के आरोप में 50 हजार रुपए की वसूली की भी धमकी दी।

अधिकारी की इस फटकार के बाद टिकट निरीक्षक बेहोश हो गया, उसका ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर डाउन हो गया। कोटा पहुंचने पर स्टेशन पर रेलवे चिकित्सक को बुलाया गया। प्लेटफार्म पर लेटाकर उसकी जांच की तो बेहोशी के कारण चिकित्सक को जहर खुरानी का अंदेशा हुआ।

इसके बाद उसे निजी चिकित्सालय में रैफर कर दिया गया। वहां उपचार के बाद उसे होश आ गया। होश आने पर टिकट निरीक्षक संजय जैन ने बताया कि उसके साथ जहर खुरानी जैसा कुछ नहीं हुआ, वे अधिकारी के धमकाने के बाद बेहोश हो गया। उन्हें अभी भी डर सता रहा है कि अधिकारी उसके खिलाफ कोई झूठी कार्रवाई नहीं कर दें।

टिकट निरीक्षक ने कहा, अधिकारी आरोप से बचने के लिए यात्री का सामान फेंकने का आरोप लगा रहे हैं, मेरी 23 साल की नौकरी हो गई, यात्री का सामान क्यों फेंकूगा। टिकट निरीक्षक से उसे शाम को वापस रेलवे चिकित्सालय में भेज दिया गया। जीआरपी ने अस्पताल में टिकट निरीक्षक के बयान लिए हैं।

टिकट निरीक्षकों में आक्रोश

घटना की सूचना मिलने के बाद मंडल के टिकट निरीक्षकों में अंतोष व्याप्त हो गया। बड़ी संख्या में टिकट निरीक्षक बीमार जैन से मिलने पहुंचे। उन्होंने कहा, अधिकारियों का अमानवीय बर्ताव बर्दाश्त नहीं करेंगे। जिस अधिकारी ने टिकट निरीक्षक को धमकाया है, उसकी दो दिन पहले मंडल के जिम्मेदार पद पर पदोन्नति हुई है। इस पर रेलकर्मियों ने कहा, चार्ज लेने से पहले ये हाल है तो आगे तो मंडल भगवान भरोसे ही चलेगा।