लॉयन न्यूज नेटवर्क। अनूपगढ़ के रायसिंहनगर इलाके के गांव करड़वाली में गुरुवार देर शाम फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत के बाद शुक्रवार को परिजनों ने शव नहीं लिया और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर अस्पताल के बाहर धरना लगा दिया। परिजन आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। करीब दो घंटे तक अस्पताल के गेट पर धरने के बाद पुलिस प्रशासन के उच्च अधिकारियों ने परिजनों से बातचीत की और शव लेने के लिए आग्रह किया। पुलिस के आरोपियों की गिरफ्तारी का आश्वासन देने पर परिजन शव लेने पर सहमत हुए। शुक्रवार दोपहर शव का तीन डॉक्टर्स के बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाकर इसे परिजनों को सौंप दिया गया।

 

जानकारी के अनुसार घटना अनूपगढ़ जिले की रायसिंहनगर तहसील के गांव करड़वाली में हुई। इस संबंध में गांव के विक्रांत पुत्र गोपीराम की ओर से दर्ज मामले में कहा गया कि गांव में उसके घर के पास उसके ताऊ ओमप्रकाश और छगनलाल का मकान है। उसके ताऊ छगनलाल के मकान के पास सतपाल पुत्र रामनारायण का मकान है। सतपाल की पत्नी ने गुरुवार शाम करीब सात बजे छगनलाल के प्लॉट पर कचरा डाल दिया। इस पर छगनलाल की पत्नी सुमित्रा ने उसे मना किया। इससे नाराज होकर सतपाल और उसके साथी सुरेश ने सुमित्रा से मारपीट की। सुमित्रा के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनकर विक्रांत, उसका ताऊ और सुमित्रा का जेठ ओमप्रकाश, हरीश व गोपीराम आदि मौके पर पहुंचे। इन लोगों ने सतपाल और उसके साथियों को समझाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने।

 

मौके पर मौजूद सतपाल के साथी सुशील, बंताराम, महावीर, सुरेश, अरविंद, दिनेश और पवन आदि ने उन पर पिस्तौल से फायर कर दिए और अन्य हथियारों से हमला कर दिया। आरोपियों में शामिल सुशील ने ओमप्रकाश पर गोली चलाई जो उसके सिर में लगी और वह जमीन पर गिर पड़ा। आरोपियों में शामिल बंतराम और अरविंद ने भी गोली चलाई लेकिन गनीमत रही कि यह किसी को नहीं लगी। आरोपियों ने अन्य हथियारों से हमला किया। मौके पर पहुंचे विश्वनाथ पुत्र ओमप्रकाश ने घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां इलाज के दौरान ओमप्रकाश की मौत हो गई। गुरुवार देर रात तक घटनाक्रम चलने के बाद शव को सरकारी अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया।

 

परिजनों ने किया शव लेने से इनकार
घटना में ओमप्रकाश की मौत के बाद शुक्रवार सुबह परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया। इन लोगों ने रायसिंहनगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर धरना लगा दिया। डीएसपी अनु बिश्नोई और पुलिस के अन्य अधिकारियों के समझाने पर परिजन माने और करीब दो घंटे रोष प्रदर्शन के बाद शव लेने पर सहमत हो गए। शव का तीन सदस्यीय मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया गया है।