राजस्थान का चुनावी घमासान
लॉयन न्यूज,बीकानेर,1 अप्रैल। प्रदेश मेंं चुनावी बिसात बिछ चुकी है। देश के बड़े नेताओं के प्रचार का दौर भी धीरे-धीरे परवान चढऩे लगा है लेकिन पूरे ही सीन से भाजपा की बड़ी नेता गायब है। जिसको लेकर एक बार फिर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
दो दिनों तक प्रदेश में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह मौजूद रहें। इस दौरान प्रदेश में वरिष्ठ नेताओं ने केन्द्रीय गृहमंत्री से मुलाकात की और बैठकों में भाग लिया लेकिन इन दो दिनों के कार्यक्रमों में पूर्व सीएम और महारानी वसुंधरा राजे पुरे सीन से गायब रहीं। ना तो राजे जयपुर में शाह से मिलती हुई नजर आई और ना ही अन्य कार्यक्रमों में। वहीं दूसरी और जयपुर में शाह के कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी को मंच पर जगह दी गयी। जिसके बाद कयास लगाए जा रहे है कि महारानी का तोड़ राजकुमारी है क्या।

 

वहीं वसुंधरा राजे चुनावी घमासान से भी दूर है हालांकि राजे अपने बेटे दुष्यंत के लोकसभा क्षेत्र झालावाड़ में जरूर देखी गयी लेकिन अन्य कार्यक्रमों में कहीं भी नहीं दिखाई दी। ऐसे में चर्चाएं आम है कि महारानी का समय अब बीत गया है।

दूसरी और कांग्रेस में अब तक लोकसभा की एक सीट के लिए सस्पेंस कायम है। कांग्रेस प्रदेश की 25 में से 24 पर निर्णय कर चुकी है। जिनमे दो सीटों नागौर,सीकर सहयोगियों के लिए छोड़ी गयी है। वहीं बांसवाड़ा की सीट पर अब तक कांग्रेस किसी भी नतीजे तक नहीं पहुंच पाई है।

 

 

जानकारी के अनुसार कांग्रेस लगातार भारतीय आदिवासी पार्टी से बांसवाड़ा की सीट के लिए गठबंधन करने का प्रयास कर रही है लेकिन भारतीय आदिवासी पार्टी उदयपुर में भी अपना उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है। ऐसे में गठबंधन को लेकर निर्णय नहीं हो पा रहा है। वहीं कांग्रेस के स्थानीय नेता भी बांसवाड़ा में चुनावी मैदान में कूदने को तैयार नहीं है। ऐसे में कांग्रेस दोहरी मुसीबत में फसी हुई नजर आ रही है। इसको लेकर शीर्ष नेताओं के साथ प्रदेश के नेताओं की कई मर्तबा मंत्रणा होने के बावजूद निर्णय नहीं हो पा रहा है।