लॉयन न्यूज/भरतपुर। स्पिकमैके की ओर से विरासत 2016 श्रृंखला के तहत बुधवार को दो स्कूलों में बांसुरी वादक पंडित राजेन्द्र प्रसन्ना का बांसुरी वादन कार्यक्रम आयोजित किया गया। सुबह साढ़े नौ बजे विवेकानंद सीनियर सैकंडरी स्कूल में तथा साढ़े ग्यारह बजे जेके कालेज में बांसुरी वादन कार्यक्रम आयोजित किया गया। पं. राजेन्द्र प्रसन्ना ने बताया कि बांसुरी एक मंगल वाद्य है जिसे भगवान श्री कृष्ण बजाया करते थे। सभी वाद्यों के साथ बांसुरी वादन होता है। इसमें आज भी वास्तविकता है, डुप्लीकेसी नहीं आई है। पूजा के आरंभ में या किसी भी शुभकार्य के आरंभ में बांसुरी को बजाया जाता है। हमारा बनारस घराना पिछले 400 वर्षों से इस परंपरा को निभा रहा है। इसमें सुरताल का मेल है, इसका समापन कभी नहीं होगा। विवेकानंद स्कूल के कार्यक्रम की शुरूआत राग चारूकेशी की धुन से हुई। प्रसिद्ध बनारसी दादरा की प्रस्तुति को लोगो सराहा। बांसुरी की धुन पर जब सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा बजाया तो पूरे हाल में वंस मोर की ध्वनि गूंज गई। जेके कालेज में कार्यक्रम की शुरूआत में प्रसन्ना ने बांसुरी पर वृन्दावनी सारंग बजाया।