लॉयन न्यूज, मुंबई। अंबरसरियां.. (फुकरे, 2013), नैना.. (खूबसूरत, 2014) जैसी कई बेहतरीन गानों को आवाज देने वाली सिंगर सोना महापात्रा अपने बेबाक अंदाज के लिए जानी जाती हैं। कुछ महीनों पहले जब सलमान खान के रेपेड कमेंट के खिलाफ जब सोना ने आवाज उठाई थी, तक उन्हें लोगों की कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी थी। एक बार फिर उन्होंने जेंडर डिस्क्रीमिनेशन जैसे अहम मुद्दे पर आवाज उठाई है। सोना महापात्रा ने देश के प्रतिष्ठित कॉलेज में से एक आईआईटी बॉम्बे के इंटर कॉलेज फेस्टिवल मूड इंडिगो के ऑर्गनाइजर्स पर गुस्सा निकाला है।
आईआईटी बॉम्बे के नाम एक ओपन लेटर फेसबुक पर पोस्ट कर सोना ने उनपर जेंडर डिस्क्रीमिनेशन का आरोप लगाया है। दरअसल, जो फीमेल इस फेस्ट में परफॉर्म करेंगी, उन्हें अपने साथ एक मेल परफॉर्मर रखने की शर्त रखी गई है। साथ ही मेल के मुकाबले फीमेल परफॉर्मर्स को कम फीस दी जाती है। इस भेदभाव पर भी सोना ने आवाज उठाई है।
गुस्साई सोना ने ये लिखा
ओपन लेटर में सोना ने लिखा कि पिछले 3 सालों से कन्सर्ट में मुझे बुलाया जा रहा है, इस शर्त के साथ कि मैं अकेले नहीं बल्कि किसी मेल परफॉर्मर के साथ स्टेज शेयर करूंगी। यह एक ऐसी शर्त है, जिसे मैं मानने को तैयार नहीं हूं। मैं अकेले क्यों परफॉर्म नहीं कर सकती? क्या स्टेज पर मेरे साथ एक मेल परफॉर्मर होना जरूरी है? सोना आगे लिखती हैं, आप एशिया का सबसे बड़ा कल्चरल फेस्टिवल आयोजित करवाते हैं। साथ ही दुनियाभर के स्टूडेंट्स को बेहतर एजुकेशन दिलवाने का दावा करते हैं। लेकिन आपकी ऐसी सोच की वजह से मुझे आपके दावों पर हंसी आती है। सोना बताती हैं कि मैं चाहती तो इस मुद्दे पर शांत भी रह सकती थी। लेकिन ऐसा न करते हुए मैंने आवाज उठाना ही सही समझा। एक ओर जहां हमारे देश में बेटियों को बढ़ावा दिए जाने के लिए सरकार काम कर रही है। दूसरी ओर बड़े एजुकेशनल इंस्टिट्यूट कई सालों से ऐसे रूल्स फॉलो कर रहे, लड़कियों के साथ भेदभाव कर रहे हैं।