लॉयन न्यूज। एआर रहमान की पहली हिंदी फिल्म ‘रंगीला’ थी। ‘रोजा’ में उन्होंने संगीत इससे पहले दिया जरूर था लेकिन यह ओरिजनली क्षेत्रिय भाषा में बनी फिल्म थी और हिंदी में इसे डब किया गया था।
बता दें कि रंगीला का संगीत देने के लिए पहले किसी और संगीतकार को चुना गया था। अगर निर्देशक राम गोपाल वर्मा उस संगीतकार को किए अपने वादे से नहीं मुकरते तो रहमान की पहली फिल्म कम से कम रंगीला तो नहीं होती।
बात 1992 की है। राम गोपाल वर्मा अपनी पहली फिल्म शिवा की सफलता पर सवार थे। द्रोही का काम वे शुरू कर चुके थे। एमएम करीम इसका संगीत दे रहे थे। इस फिल्म के म्यूजिकल सीटिंग के दौरान रामू की कई मुलाकातें एक वायलिन प्लेयर से हुई थीं। यह वही वायलिन प्लेयर था जिसने शिवा की रिलीज से पहले रामू से कहा था कि यह फिल्म हिट होगी। द्रोही के दौरान हुई मुलाकातों से यह दोस्ती और पक्की हो गई। रामू ने उस कलाकार से वादा किया कि अगली हिंदी फिल्म में वो ही संगीतकार होंगे।
द्रोही रिलीज हुई, फ्लॉप भी हो गई। रामू ने रंगीला की तैयारी शुरू कर दी। इसी दौरान मणिरत्नम ने रामू को रोजा का संगीत सुनाया। रामू को रहमान का काम इतना पसंद आया कि उन्होंने तुरंत अपनी हिंदी फिल्म रंगीला के लिए उन्हें साइन कर लिया।
रामू ने माना भी है कि वे स्वार्थी हो गए थे और उन्होंने अपने वादे का मान नहीं रखा। रामू ने रंगीला को रहमान के साथ बनाया और यह वायलिन प्लेयर मन मसोस कर रह गया और जीवनभर के लिए राम गोपाल वर्मा से नाराज हो गया।
जान लीजिए इस वायलिन वादक ने बाद में हम दिल दे चुके सनम से डेब्यू किया और सुपरहिट संगीत बनाया। संगीतकार का नाम इस्माइल दरबार है।