बालपाठकों को आकर्षित करने वाली है पुस्तक
लॉयन न्यूज,बीकानेर,28 अप्रैल। मनीष जोशी की लिखी पुस्तक खेलरां रो खेल का लोर्कापण रविवार को अजित फाउण्डेशन में हुआ । वरिष्ठ राजस्थानी साहित्यकार और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शंकर सिंह राजपूरोहित ने कहा कि मनीष जोशी की कहानियों में बालमन की समझ है। खेलरां रो खेल की कथाएं सहज ही बाल पाठको को आकर्षित करती है। आज के समय में बच्चो के लिए आधुनिक परक साहित्य की जरूरत है और राजस्थानी में इस तरह की पुस्तक का आना राजस्थानी भाषा के आंदोलन को संबल देता है। यह पुस्तक राजस्थानी भाषा में नया मुकाम हासिल करेगी।

 

इससे पूर्व अतिथियों ने सरस्वती के चित्र पर पुष्पांजलि कर कार्यक्रम की शुरूआत की। इसके बाद अतिथियों ने खेलरां रो खेल को पाठको को लोकार्पित की। इस अवसर पर वशिष्ठ अतिथि और सहायक निदेशक, जन संपर्क हरिशंकर आचार्य ने कहा कि बाल मन को समझना और उनके लिए लिखना दुष्कर कार्य है। आज के समय में बाल साहित्य बहुत कम लिखा जा रहा है। मनीष जोशी बधाई औ धन्यवाद के पात्र है कि उन्होने बच्चो के लिए खेलरां रो खेल की कथाऐ लिखी । राजस्थानी भाषा में बच्चो की पुस्तक आने से बच्चे न केवल अपनी मातृभाषा के प्रति सजग होते है । इससे अपनी भाषा का ज्ञान भी बढता है।

 

वशिष्ठ अतिथी राजेन्द्र जोशी ने कहा कि राजस्थानी भाषा में बच्चो की पुस्तक आना राजस्थानी भाषा को मजबूत बनाता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए साहित्यकार एवं केन्द्रीय साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त कमल रंगा ने कहा कि खेलरां रो खेल राजस्थानी में बाल साहित्य की दुनिया में एक मील का पत्थर साबित होगी। खेलरां रो खेल बच्चो को मरूस्थली सब्जियों को भी महत्व देती है। कमल रंगा ने लेखक की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि लेखक को अब बाल साहित्य पर निबंध सग्रंह लिखने की भी सलाह दी। इससे पूर्व राजस्थानी युवा साहित्यकार नमामी शंकर आचार्य ने पत्र वाचन करते हुए खेलरां रो खेल की कहानियों की विस्तत चर्चा की। उन्होने बताया कि खेलरां रो खेल में बच्चो के लिए आकर्षक कहानियां लिखी गयी जो बच्चो को लुभाती है।

 

कार्यक्रम में चित्रकार में योगेन्द्र पूरोहित का भी मनोज व्यास और राजेश व्यास ने सम्मान किया। योगेन्द्र ने खेलरां रो खेल में चित्रांकन किया है। इससे पूर्व वरिष्ठ व्यग्यकार आत्माराम भाटी ने स्वागत उदबोधन दिया। लेखक ने अपनी पुस्तक की प्रथम प्रति राकेश जोशी और सतोष जोशी को भेंट की। पुस्तक शरद जोशी और मानस हर्ष को समर्पित है।
कार्यक्रम का संचालन संजय पूरोहित करते हुए मनीष जोशी की रचनाकर्म पर प्रकाश डालते हुए कहा कि लेखक की बाल साहित्य पर खास पकड है। उन्होने लेखक की पूर्व पुस्तको का उल्लेख करते हुए कहा कि लेखक ने बच्चो की संवदेनाओ को पकडा है। लेखक संजय पूरोहित का सम्मान महेश उपाध्याय, कमल व्यास और गोविन्द व्यास ने किया। कार्यक्रम के अंत में मनोज व्यास ने आभार व्यक्त किया।

 

कार्यक्रम संयोजक मयंक और चयन जोशी ने बताया कि कार्यक्रम में शहर के वरिष्ठ साहित्यकार अजय जोशी, गिरीराज पारीक, नदीम अहमद नदीम राजाराम स्वर्णकार, गौरीशंकर प्रजापत, राकेश जोशी, राजकुमार जोशी, अशोक रंगा, महेश उपाध्याय अशोक भाटी, कमल व्यास आदि गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।