लॉइन न्यूज, बीकानेर। सुनहरी रोशनी के बीच आसमान से होड़ करती आतिशबाजी और हर तरफ उल्लास और उमंग का माहौल। बीकानेर में मंगलवार को कुछ ऐसा ही माहौल देखने को मिला। वहीं, शाम को दीपावली की सजावट देखने शहरवासी परकोटे के विभिन्न बाजारों में पहुंचे। सामूहिक सजावट के दौरान कहीं राजसी ठाट-बाठ की झलक दिखी तो कहीं झांकियों पर सामाजिक संदेश लिखे हुए थे।

वहीं, माता महालक्ष्मी की आराधना और अगवानी का पर्व दीपोत्सव बुधवार को राजधानी में मनाया जाएगा। इस दौरान झिलमिलाते दीयों की रोशनी से जहां अमावस की रात में जगमगम उजास होगा, तो आतिशबाजी के बीच धन-धान्य की देवी मां लक्ष्मी का स्वर्णिम स्वागत होगा। साथ ही धनलक्ष्मी के साथ घर में सुख-समृद्धि का आगमन हो इसके लिए अष्ट लक्ष्मी का पूजन किया जाएगा।

ज्योतिषियों के मुताबिक घर में हर दिशा से लक्ष्मी जी के प्रवेश के लिए आठ दिशाओं में मां के आठ स्वरूपों आद्य, विद्या, सौभाग्य, अमृत, काम, सत्य, भोग, योग लक्ष्मी की आराधना की जाएगी। वहीं, करीब 58 साल बाद दीपावली पर स्वाति नक्षत्र और मालव्य योग सहित कई अन्य संयोग भी रहेंगे।

पं.रामदेव उपाध्याय ने बताया कि भक्तों को रात्रि के समय श्रीसूक्त, लक्ष्मी सूक्त, गोपाल सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए। वहीं, अगले दिन गोवर्धन भगवान की पूजा होगी व शाम को अन्नकूट महोत्सव मनाया जाएगा। शुक्रवार को भाईदूज का पर्व मनाया जाएगा।

पं.दामोदर प्रसाद शर्मा के मुताबिक लक्ष्मी पूजन का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त शाम 6:20 से 6:33 बजे तक रहेगा।
प्रदोष काल- शाम 5:36 से रात 8:14 बजे तक
वृष लग्न- शाम 6:08-रात 8.05 तक
सिंह लग्न- रात्रि 12:38 से 2:54 तक
चौघडिय़ा मुहूर्त शुभ, अमृत और चर- शाम 7:15 से रात 12:10 तक
लाभ- मध्य रात्रि बाद सुबह 3:27 से सुबह 5:06 तक

दिन के मुहूर्त (व्यापारिक प्रतिष्ठान)
लाभ,
अमृत- सुबह 6:44 से 9:27 तक
शुभ- सुबह 10:49 से दोपहर 12:10
चर- अपराह्नत 2:53 से 4:15 तक
लाभ- शाम 4:15 से शाम 5:36 तक

58 वर्ष बाद दिवाली पर मालव्य योग
पंडित रामदेव उपाध्याय के मुताबिक दिवाली पर स्वाति नक्षत्र और आयुष्मान योग बनेगा। साथ ही तुला राशि में सूर्य, चन्द्र और शुक्र ग्रह रहेेंगे। शुक्र को ऐश्वर्य कारक माना गया है। इसके स्वराशि में विचरण से इस राशि के जातकों को भौतिक सुखों के साथ मालव्य योग का संयोग भी बनेगा।
यह संयोग करीब 58 साल बाद बन रहा है। सुबह महिलाएं घरों में मांडने मांडेंगी व सुबह मंदिरों में भगवान राम के दर्शन करने की भी परम्परा है। शाम को मंदिरों में दीपदान के बाद घर के द्वार तथा छत सहित अन्य स्थानों पर दीप जलाए जाएंगे व घरों-प्रतिष्ठानों में लक्ष्मी पूजन होगा। साथ ही आतिशबाजी भी होगी।

गोवर्धन- 8 नवंबर
गोवर्धन स्थापना
शुभ का चौघडिय़ा- सुबह 6:45 से 8:06 बजे तक।
चर का चौघडिय़ा- सुबह 10:49 से 12:10 बजे तक।
उपमर्दन का मुहूर्त- शाम 4:15 से रात 7:14 बजे तक।

भैयादूज- 9 नवंबर
मुहूर्त- चर, लाभ और अमृत का चौघडिय़ा : सुबह 6:46 से 10:49 बजे तक।
शुभ का चौघडिय़ा : दोपहर 12:10 से 1:32 बजे तक।
चर का चौघडिय़ा : शाम 4:14 से लेकर 5:35 बजे तक।