जयपुर। योग दर्शन के अनुसार, प्राणायाम हमारे शरीर को क्रियाशील बनाते हैं। इसमें शीतकारी और शीतली ऐसे मुख्य प्राणायाम हैं जो गर्मी में शरीर को तुरंत ठंडक पहुंचाते हैं। ये शरीर में ऊर्जा बढ़ाने के साथ सेहतमंद रखते हैं। जानें इसके फायदे और करने का तरीका…

सामान्य क्रिया 

इस प्राणायाम में केवल सांस लेने और छोडऩे की प्रक्रिया होती है। इसमें दांतों के बीच जीभ को हल्का सा दबाएं और मुंह से सांस लेकर थोड़ी देर बाद नाक से सांस छोड़ें। इससे मुंह में तरलता बढऩे से शरीर ठंडा होगा। यह क्रिया जब तेज धूप में जाएं तब कर सकते हैं।

शीतकारी

सामान्य क्रिया को ही समय के अनुपात में करना शीतकारी है। इसके दो तरीके हैं। दांतों के बीच जीभ को हल्का सा दबाएं व मुंह से सांस अंदर लेते हुए ठुड्डी को नीचे गर्दन पर लगाएं व 10 सेकंड के लिए सांस रोकें। इसके बाद ठुड्डी को ऊपर कर नाक से सांस बाहर छोड़ें। दूसरी विधा पहली जैसी है केवल जीभ को दांतों के बीच रखने की बजाय तालू पर लगाना है।

शीतली

इसमें जीभ को गोल चम्मच की तरह बनाकर होठों से बाहर निकालें। नलकीनुमा जीभ से सांस अंदर लेने के बाद ठुड्डी को नीचे गर्दन पर लगाकर जीभ अंदर लेते हुए सांस 10 सेकंड के लिए रोकें। ठुड्डी ऊपर करते हुए नाक से सांस बाहर छोडें़।

फायदा : शरीर का गर्म तापमान सामान्य बनाने के साथ नक्सीर, एसिडिटी, अपच व पेट संबंधी समस्याओं में ये प्राणायाम लाभकारी हैं।

न करें : ये प्राणायाम शरीर को तुरंत ठंडा करते हैं। ऐसे में जुकाम, अस्थमा, नजला की समस्या वाले न करें। हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज के मरीज विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही करें।