कोटा/जयपुर।   राजस्थान का कोटा शहर कोचिंग नगरी ही है या सुसाइड पॉइंट में तब्दील हो गया है।  इसपर एक बार फिर बहस होने लगी है।  एक तरफ जहां शैक्षणिक नगरी कोटा से कोचिंग पाकर स्टूडेंट्स परीक्षाओं में अच्छे अंकों से पास होकर सफलता के झंडे गाड़ रहे हैं, वहीं मानसिक दबाव और अवसाद में स्टूडेंट्स के लगातार हो रहे सुसाइड के मामले इस ख़ुशी के अहसास को पूरी तरह से ख़त्म कर रहे हैं। कहा जाए कि स्टूडेंट्स के सुसाइड मामलों से कोटा नगरी सुसाइड पॉइंट कहलाते हुए बदनाम हो रही है तो कहना गलत नहीं होगा। कोटा के लोगों को भी यह बात चुभने लगी है कि उनके शहर को अब नकारात्मक पहचान मिल रही है। एक ऐसा ही वाक्या सामने आया है जहां कोटा की एक लेक्चरर को देश के एक नामचीन जर्नलिस्ट की ओर से कोटा शहर को लेकर कसा गया तंज इतना नागवार गुज़रा कि उसने हाथों-हाथ जर्नलिस्ट पर पलटवार कर दिया। नौबत ये आई कि जर्नलिस्ट को कोटा की लेक्चरर से माफ़ी मांगनी पड़ गई। वाक्या बुधवार को चेन्नई एयरपोर्ट का है, जहां सीनियर जर्नलिस्ट राजदीप सरदेसाई का सामान्य बातचीत में कोटा को सुसाइड प्वाइंट कहना शहर के लेक्चरर को नागवार गुजरा। आहत लेक्चरर ने अपनी भावनाएं ई-मेल के जरिए राजदीप तक पहुंचाई। इसपर राजदीप ने उन्हें सॉरी कहा।कोटा गर्ल्स पॉलीटेक्निक कॉलेज के लेक्चरर राजेन्द्र सिंह हाड़ा ने बताया, ”मैं बेटे के एडमिशन के सिलसिले में गया हुआ था। इस दौरान चेन्नई एयरपोर्ट पर चेक इन एरिया में राजदीप नजर आए। मैं उनसे बातचीत करने पहुंचा। उन्होंने मुझसे पूछा कि आप कहां से हो। मैंने जवाब दिया कोटा राजस्थान से। इस पर उनका जवाब था, ‘ओह…सुसाइड प्वाइंट?”’इस दौरान उनका सामान आ चुका था तो वे बाय कहते हुए निकल गए। मैंने वापस आकर पत्नी और बच्चे को यह बात बताई तो उन्होंने कहा, आपको इसका जवाब देना चाहिए था। इसके बाद हमने आधे घंटे तक एयरपोर्ट पर उन्हें ढूंढा, लेकिन शायद वे निकल गए थे। इस पर बेटे ने इंटरनेट से उनका ई-मेल ढूंढा तो मैंने उन्हें मेल किया।”

हमारे शहर को बदनाम न करें

राजदीप को हाड़ा ने मेल में लिखा, ‘कोटा सुसाइड प्वाइंट नहीं है। मुझे गर्व है कि यह शहर लाखों स्टूडेंट्स को आईआईटीयन व डॉक्टर बनाता है। हम शिक्षा से संस्कार तक की सोच के साथ स्टूडेंट्स का ख्याल रखते हैं। तनाव अभिभावक और नीतियों की वजह से है। कृपया हमारे शहर को बदनाम न करें। हम अतिथि देवो भव में यकीन करते हैं। मैं चेन्नई एयरपोर्ट पर कहे आपके शब्दों से असहमत हूं।’मंगलवार रात 12.54 बजे किए गए ई-मेल का सुबह 3.05 बजे जवाब देते हुए राजदीप ने लिखा, ‘आपने अपनी बात बेहतर तरीके से कही है। मैं क्षमा चाहता हूं।