नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 1 मई को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से 8,000 करोड़ रुपए की अपनी महत्वकांक्षी योजना ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ की शुरुआत करेंगे। इस योजना के माध्यम से केन्द्र सरकार देश में गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करने वाले पांच करोड़ परिवारों को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराएगी। इसकी जानकारी पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2016-17 के बजट भाषण में इसकी घोषणा की थी। प्रधान ने बताया कि इस योजना के तहत सरकार ने तीन साल में पांच करोड़ लोगों को नि:शुल्क एलपीजी गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। सरकार ने इस योजना के तहत पहले साल डेढ़ करोड़ लोगों को लाभ पहंचाने का लक्ष्य निर्धरित किया है।

इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को चुनने के लिए ‘सामाजिक आर्थिक जाति गणना 2011’ को अधार बनाया जाएगा। योजना के तहत आवेदन करने वाले इसके पात्र हैं या नहीं इसका प्रमाणन राज्य सरकार के अधिकारी करेंगे। उनके प्रमाणित किए जाने के बाद ही पेट्रोलियम कंपनियां एलपीजी गैस कनेक्शन जारी करेंगी।

सब्सिडी छोड़ने वालों की संख्या एक करोड़ से अधिक

केन्द्र सरकार की ओर से अपनी स्वेच्छा से घरेलू रसोई गैस -एलपीजी- पर सब्सिडी छोड़ने के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम ‘गिव इट अप’ के तहत सब्सिडी छोड़ने वाले एलपीजी उपभोक्ताओं की संख्या 1 करोड़ से भी ज्यादा होने के उपलक्ष्य में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान प्रधान ने बताया कि ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ की शुरूआत आगामी 1 मई को उत्तर प्रदेश के बलिया से होगी। इसकी शुरूआत करने के लिए प्रधानमंत्री खुद बलिया जाएंगे।

इस योजना के तहत गरीबों को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन और गैस चूल्हा उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना में देशभर में 1.13 करोड़ उपभोक्ताओं द्वारा अपनी स्वेच्छा से एलपीजी सब्सिडी छोड़ने से हुई बचत का उपयोग किया जाएगा। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने पिछले साल 27 मार्च को आर्थिक रूप से समर्थ लोगों से एक वर्ष के लिए रसोई गैस सब्सिडी छोड़ने की अपील की थी।

सब्सिडी छोड़ने वाले एक साल बाद पुन: कर सकते हैं आवेदन

पेट्रोलियम मंत्रालय के आधिकारियों के मुताबिक इस कार्यक्रम के तहत एलपीजी सब्सिडी छोड़ने वालों में अधिकतर मध्यम वर्गीय लोग शामिल हैं, जिनमें सबसे अधिक, 40 फीसदी ग्राहक इंडियन आॅयल के हैं, जबकि भारत पेट्रोलियम एवं हिन्दुस्तान पेट्रोलियम के तीस-तीस फीसदी ग्राहक हैं।

पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ‘गिव इट अप’ कार्यक्रम के तहत जिन लोगों ने एलपीजी सब्सिडी छोड़ा है वे एक साल बाद पुन: इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार एलपीजी गैस सब्सिडी में कटौती के लिए इन्कम टैक्स रिटर्न का सहारा नहीं लेगी।