• मनोज रतन व्यास

इस महीने के आखिरी शुक्रवार को फिल्मकार संजय लीला भंसाली की आलिया भट्ट स्टारर फ़िल्म “गंगूबाई काठियावाड़ी” दुनियाभर के सिनेमाघरों में रिलीज होगी। भंसाली ने कोविड काल के बीच अपनी इस वूमेन सेंट्रिक फ़िल्म को ओटीटी प्लेटफार्म पर नही दिखाया। भंसाली को अपने प्रोडक्ट पर विश्वास था, इसलिए स्थिति सामान्य होने का इंतज़ार किया और वे स्पष्ट मानते है कि रियल सिनेमैटिक अनुभव थिएटर्स में आ सकता है, मोबाइल फोन और लैपटॉप पर नहीं। संजय लीला भंसाली को इस बात का पूरा इल्म है कि उनका नाम एक ब्रांड है, इसी वजह से वे अपने मन का सिनेमा रचते और गढ़ते है। बाज़ार की डिमांड के अनुसार वे अपनी फिल्मों का सब्जेक्ट नही चुनते है। राज कपूर के सिनेमा की तरह ही उनकी फिल्मों में महिलाओं के किरदार हीरो के समानांतर और कभी कभार तो ज्यादा वजनी होते है। भंसाली फिल्मों को ही जीते है, मूवी को ही खाते-पीते है। अविवाहित भंसाली अपनी फिल्मों में प्रेम का रसायन जो घोल कर परोसते है वो अद्धभुत और कालजयी होता है। ये भंसाली का ही साहस और जज्बा है कि उन्होंने पद्मावत( पद्मावती) के बाद फिर से महिला प्रधान विषय को चुना है और पूरी सम्भावना है कि दर्शक उनकी “गंगूबाई” को दिल से स्वीकार करेंगे।

संजय लीला भंसाली का सिनेमाई स्कूल दूजे फिल्मकारों से एकदम मुख्तलिफ है। करण जौहर तो सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर चुके है कि वे भंसाली की तरह एक शॉट भी नही फिल्मा सकते है। भंसाली सिनेमा के हर फ्रेम को इस प्रकार रचते है जैसे इतिहास के पन्नों में कोई इबारत लिखी जानी हो। संजय लीला भंसाली को संगीत से बेहद लगाव है, उन्हें म्यूजिक की गहरी समझ है। उन्हें अपने टेस्ट के अनुरूप जब म्यूजिक कंपोजर धुनें नही दे पाएं तो स्वयं ही अपनी फिल्मों का संगीत तैयार करने लगे। संगीत के साथ उनके फिल्मों की कोरियोग्राफी भी यूनिक होती है। अभी हाल ही में गुजरे पंडित बिरजू महाराज ने भंसाली कई फिल्मों का नृत्य निर्देशन किया था।

बॉलीवुड में हीरो की छवि और उसकी फैन फॉलोइंग के कारण फिल्मों की बॉक्स ऑफिस पर ओपनिंग लगने का चलन है। भंसाली का सिनेमा हीरो की चकाचौंध के सामने सरेंडर नहीं करता है। भंसाली के साथ काम करने के लिए हर ए लिस्ट एक्टर अपनी डेट डायरी को खुला रखकर उनके ऑफर का इंतज़ार करता है। “गंगूबाई काठियावाड़ी” में निष्णात अभिनेता अजय देवगन की एक कैमियो भूमिका है। ये भंसाली का जलवा और हुनर है कि अजय देवगन जैसा सुपरस्टार आलिया भट्ट जैसी नवोदित अदाकारा के साथ सेंकड लीड की भूमिका निभा रहे है। संजय लीला भंसाली का सिनेमा वर्ल्ड फ़िल्म स्कूलों में पढ़ाने के लायक है। भंसाली है तो बॉलीवुड काफी हद तक साउथ सिनेमा के आगे निकट भविष्य में टिक पाएगा। भंसाली जल्द ही बैजू बावरा का नया अपडेटेड वर्जन,साहिर लुधियानवी की बायोपिक लाने वाले है। साहिर की बायोपिक में फिर भंसाली अमृता प्रीतम के प्रेम और तड़पन को प्रस्तुत करेंगे। भंसाली से ही बॉलीवुड में साहित्य,संगीत और कला सौंदर्य जिंदा है।