होली का त्योहार गया और इसके साथ ही एकबारगी त्योहारों का सिलसिला थम गया। बीकानेर शहर की होली के चर्चे देशभर में इस तरह भी है कि यहां के लोगों की सारी कुंठाएं एक ही दिन में उभरकर बाहर आ जाती हैं और इसे बाहर लाने के लिए यहां के लोग जाने कितने-कितने दिन की ‘रिहर्सल’ करते हैं। इस शहर की एक परंपरा से इसे समझा जाता है कि होली से सात दिन पहले एक गैर निकालकर शाकद्वीय ब्राह्मण कुलदेवी नागणेचीजी मंदिर से शहर में आते हैं और इसके साथ ही होली का आगाज हो जाता है। इसके बाद सात दिन तक रात को लोकनाट्य रम्मत के आयोजन होते हैं, दिन में फागोत्सव आदि। होलिका-दहन के अगले दिन होली खेली जाती है, इसके अलावा भी बहुत होता है। शाम को व्यास जाति के लोगों की एक गैर निकलती है, जो इसलिए होती है कि अब जो भी हुआ सब भूलो और अपने-अपने काम में लगो। लेकिन इस परंपरा का दूसरा पक्ष यह भी है कि यहां के लोगों के हमेशा होली चढ़ी ही रहती है। चाहे रोजाना बगेचियों में भांग छानने से जोड़ा जाए और बातचीत में गालियों के संपुट से समझा जाए। रंगीन तबीयत का बीकानेरी लगभग मसखरी के मूड में आनंदातिरेक में रहना पसंद करता है। इससे बड़ी बात क्या होगी कि यहां एक मौहल्ले का नाम ही ‘साले ही होली’ है। बीकानेर शहर के विस्तार के बाद भले ही चौक-मौहल्लों में होलिका-दहन के कार्यक्रम होने लगे हों, लेकिन साले की होली पर होलिका-दहन के दौरान शहर के मौजीज लोग खड़े दिखाई देते हैं।

इस बार पुराना रोशनीघर चौराहे पर होलिका-दहन को लेकर विवाद हो गया। बात बढऩे को थी कि पुलिस-प्रशासन से सूझबूझ से मामला निपटाया। इस तरह के विवाद पहले भी हुए हैं, हालात यह है कि एहतियातन कुछ जगह पर होलिका-दहन के दौरान पुलिस-जाब्ता लगाया जाने लगा है।
लोकसभा चुनाव के कारण शहर में इन दिनों कारों की जांचें की जा रही है। पुलिस वाले चौराहे पर कारों को रोकते हैं और कुछ देख-भाल कर बाकायदा ‘गाड़ी रोकने के लिए शुक्रिया…’ भी कहते हैं। इस विनम्रता के विपरीत एनएसयूआई के प्रदर्शनकारियों पर दूसरी बार लाठियां भांजने की घटना हुई है। अग्निवीरों की भर्ती के विरोध में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे एनएसयूआई से जुड़े युवाओं को धारा 144 के उल्लंघन पर लाठियां खानी पड़ी। हालांकि, एसपी तेजस्विनी गौतम ने इस प्रकरण की जांच की बात कही है, लेकिन कांग्रेस के इस विपरीत समय में अगर बीकानेर में इतने सारे युवा दूसरी बार लाठियां खाने के लिए एकत्रित होते हैं तो यह कम बात नहीं है। अगर इसी मुद्दे पर कांग्रेस सक्रिय होती तो माहौल बन सकता था, लेकिन कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी गोविंदराम मेघवाल के पक्ष में अभी तक संगठन एकजुट हुआ नजर नहीं आ रहा है। दूसरी ओर भाजपा का सारा संगठन ही अर्जुन मेघवाल के आसपास खड़ा दिखाई दे रहा है। एक समानांतर टीम ने काम शुरू कर दिया है। अर्जुन मेघवाल टेलीकॉलिंग के जरिये मतदाताओं से वोट की अपील कर रहे हैं।

महिलाओं के प्रति अपराध का एक बड़ा मामला श्रीडूंगरगढ़ में हुआ है, जहां एक भाई ने अपने बहनोई की हत्या इसलिए कर दी, क्योंकि बहनोई ने बहन को मार डाला। इस दोहरे हत्याकांड की जो कहानी अब तक सामने आई है, उसमें कुछ पेचोखम है। वारदात करने वाले को गिरफ्तार कर लिया गया है। एक कहानी सामने आ गई है, देखना यह है कि इसकी जांच आगे भी बढ़ेगी या नहीं। मुक्ताप्रसाद नगर थाने में एक मामला आया है, जिसमें निकाह करने से मुकरने का आरोप महिला ने लगाया है। महिला का कहना है कि आठ साल से उसके साथ दुष्कर्म हो रहा है, लेकिन अब निकाह करने से मुकर गया है। नोखा के पांचू से एक विवाहिता को अगवा कर ले जाने का मामला भी दर्ज हुआ है। महिला थाने की एक रीडर ने मामले से नाम हटाने की एवज में रुपये मांगे, लेकिन रिश्वत लेते हुए पकड़ी गई।

रमजान का महीना चल रहा है। बड़े दिन के लिए भी गिरिजाघरों में तैयारियां शुरू हो गई है। गणगौर के गीत गूंजने लगे हैं और बीकानेर थिएटर फेस्टिवल की सफलता के बाद महीने के अंत में धरणीधर पर कला रंग-राग का आयोजन होगा। और हां, रानीबाजार आरयूबी वापस खोल दिया गया है।
अनवर जलालपुरी कहते हैं
खुदगर्ज दुनिया में आखिर हम क्या करें
क्या इन्हीं लोगों से समझौता करें