– कई आशा कार्यकर्ता बन चुकी हैं धोखाधड़ी की शिकार
– विभाग के नाम पर फोन करने वालों का पहले करें सत्यापन
लॉयन न्यूज, हनुमानगढ़। एक फर्जी गिरोह के सदस्यों द्वारा स्वयं को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का अधिकारी बताकर विभाग के कर्मचारियों से उनके बैंक खातों की जानकारी व चैक लेकर उनके बैंक से राशि निकलवाई जा रही है। विभाग ने कर्मचारियों से ऐसे लोगों से अहतियात बरतने को कहा है। सीएमएचओ डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि गत दिवस जिले की भादरा ब्लॉक की एक आशा सहयोगिनी से ऑनलाइन ठगी कर उसके अकाउंट से 6 हजार रुपए निकाल लिए थे। इसी तरह जिले की केलनिया पीएचसी के दूधली गांव की आशा कार्यकर्ता सुलोचना के खाते की जानकारी मांगी गई थी।

इसी दिन पल्लू व जिले की अन्य सभी पीएचसी पर इस तरह के फोन लगातार आ रहे हैं, जो बार-बार आशा कार्यकर्ताओं ने उनसे खाता नम्बर व अन्य जानकारी मांग रहे हैं। मोबाइल नंबर 9122649273 से फोन करने वाले अपने आप को जयपुर निदेशालय के अधिकारी बताकर खाता नम्बर मांगते हैं। सीएमएचओ डॉ. अरुण कुमार ने सभी आशाओं को अलर्ट किया है कि वे इस तरह की कोई भी जानकारी किसी भी व्यक्ति को फोन पर ना देवें, क्योंकि निदेशायलय एवं सीएमएचओ ऑफिस द्वारा खातों संबंधी किसी भी तरह की जानकारी कभी नहीं मांगी जाती है।

उन्होंने कहा कि अधिक शिक्षित ना होने के कारण एवं दबाव की वजह से आशा कार्यकर्ता ऐसे झांसों में आ रही है। इससे पहले भी जिले के ग्राम गाहडू, चक ज्वालासिंहवाला, शेरगढ़, नगराना आदि क्षेत्रों में कई आशा कार्यकर्ता इस गिरोह का शिकार बन चुकी है। उन्होंने सभी बीसीएमओ एवं अन्य अधिकारियों को निर्देशित किया है कि आशा सहयोगिनी एवं अन्य स्टाफ को इस बाबत जानकारी दें ताकि कोई कार्मिक ठगी का शिकार न हो।

यही नहीं अन्य किसी निजी चिकित्सालय या संस्थान आदि ने विभाग के नाम पर कोई फोन कर ठगी या फर्जीवाड़ा करने का प्रयास करता है, तो सत्यापन करते हुए उसकी सूचना सीएमएचओ को दें ताकि संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। जिला आशा समन्वयक संदीप बिश्नोई ने बताया कि विभाग की ओर से किसी भी आशा, एएनएम या अन्य कार्मिक से कार्ड नंबर या उसके पिन नम्बर नहीं पूछे जाते।

केवल अकाउंट नंबर लिए जाते हैं, वो भी केवल संबंधित स्वास्थ्य केन्द्र पर पीसीटीएस एंट्री में दर्ज करने के लिए मौके पर ही लिए जाते हैं। अत: आशाओं व अन्य आमजन से भी अपील की जाती है कि इस तरह के फोन आने पर किसी भी तरह की जानकारी न दें, क्योंकि ऐसे मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। इस संबंध में एहतियात बरतते हुए पहले संबंधित अधिकारी से सत्यापन करें और फर्जी फोन करने वालों की पुलिस थाने में शिकायत करें।