लॉयन न्यूज, हनुमानगढ़। हनुमानगढ़ जिले में संगरिया तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत ढाबां के बजट में लगभग 25 लाख की कटौती कर दिये जाने से मनरेगा के सभी मजदूरों को रोजगार नहीं दिया जा रहा। कटौती हो जाने के कारण कईं मजदूरों के नाम मनरेगा से हटाने पड़ गये। इसके खिलाफ महिला मजदूरों ने मौर्चा खोल दिया। रविवार शाम को कईं महिलाओं ने एकत्रित होकर ग्राम पंचायत कार्यालय पर ताला जड़ दिया।

सोमवार को एक महिला मजदूूर रेवंतीदेवी तब पानी के ओवरहैड टेंक पर जा चढ़ी, जब पता चला कि सरपंच ने ताला तोड़कर ग्राम पंचायत का कार्यालय फिर से खोल दिया है। इस महिला को पुलिस और गांव के मौजज व्यक्तियों ने लगभग एक घंटे की समझाइश के बाद नीचे उतार लिया। ढाबां पुलिस चौकी के प्रभारी रणवीर ने बताया कि अब इस महिला पर आत्महत्या का प्रयास करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया जायेगा। इस बीच सरपंच गुरुपासङ्क्षसह ने बताया कि इस बार मनरेगा में करीब 25 लाख का बजट कम मिला है।

दूसरा पक्के खालों का काम मनरेगा की बजाय सीएडी डिपार्टमेंट से करवाया जा रहा है। इस कारण मनरेगा के सभी मजदूरों को ग्राम पंचायत द्वारा रोजगार मुहैया करवाना सम्भव नहीं है। जब बजट कम हो गया है, तो कुछ मजदूरों के नाम हटाये ही जाने थे। सभी को काम दिया जाना सम्भव नहीं है। फिर भी इसमेें इस बात का ख्याल रखा गया कि जिन मजदूरों को सर्वाधिक दिन काम मिल चुका है, उन्हीं के नाम हटाये गये हैं।

मनरेगा मेें एक वर्ष में 100 दिन रोजगार मुहैया करवाने की गारंटी है, लेकिन कईं मजदूर ऐसे हैं, जिन्होंने पूरे 100 दिन काम नहीं किया। वे कईं दिन गैरहाजिर रहे। अब यह मजदूर भी बाकी दिनों का काम मांग रहे हैं, जबकि इसमें ग्राम पंचायत की कोई गलती नहीं है। उन्हें काम पर आना चाहिए था, लेकिन वे नहीं आये। उन्होंने बताया कि इस बार पक्के खालों का काम भी मनरेगा की बजाय सीएडी द्वारा करवाया जा रहा है। इस वजह से भी मनरेगा के तहत रोजगार नहीं दिया जा रहा। दूसरी ओर मनरेगा के मजदूरों का कहना है कि उन्हें इन सबसे कोई मतलब नहीं है। उन्हेें तो पूरे 100 दिन का काम चाहिए।