-जीवनदान चारण
लॉयन न्यूज,श्रीबालाजी/नागौर। ग्राम श्रीबालाजी में करीब 500 वर्ष पुराने चारण समाज के आसिया कुल की कुलदेवी चाळकराय के मंदिर को तोड़ कर गांव में सामाजिक महौल खराब कर दिया है। ग्रामीणों ने पुलिस व प्रशासन ने मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष व पारदर्शी जांच हो। पिछले कई दिनों से इस मामले को लेकर पूरे गांव में रोष का महौल व्याप्त है। नित्य प्रतिदिन दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं को वहां पहुंचने पर अपने अराध्य देवी के मंदिर नहीं देखकर आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है। आस-पास के गांवों से चारण समाज के आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर नहीं मिलने से रोष बढ़ा रहा है।
श्रद्धालुओं में रोष है कि मंदिर न तो आकाश में उड़ा है न ही पताल में समाया है। श्रद्धालुओं ने प्रशासन से मांग की है कि जिन असामाजिक तत्वों ने मंदिर को तोड़ा है। उन पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करते हुए जेल की सलाखों के पीछे भेजा जाना चाहिए।
यह मंदिर कविराज गणेशदान आसिया ने करीब 500 वर्षो पूर्व जोधपुर के महाराजा राव चन्द्रसेन द्वारा गांव की जागीर मिलने पर स्थापित किया था एवं कुल देवी के आशीर्वाद से कविराज को खोई हुई जागीर वापिस मिलने पर यह मंदिर आस्था का अटूट केन्द्र बन गया। देवी के इस पूजा स्थल पर समाज के लोगों द्वारा लगातार पूजा-अर्चना की जा रही है। समय-समय पर मंदिर का जीर्णाद्धार भी किया जाता रहा है। आजादी मिलने के बाद सभी चारण जागीरदारों व सेठ साहुकारों ने मिलकर माता का मंदिर व श्रद्धालुओं के लिए कमरे, रसोई व विश्राम स्थल का निर्माण करवाया। यह मंदिर करीब दो दर्जन गांवों के चारण श्रद्धालुओं के श्रद्धा का केन्द्र बना हुआ है। इस मंदिर पर नवजात के जन्म पर झडूला व जात समय-समय पर लगाने के लिए दूर दराज से गणेशदानजी के वंशज आते रहते है। पिछले कई दशकों से मंदिर परिसर की खाली पड़ी जमीन पर अतिक्रमियों ने नापाक इरादो से इस जमीन पर अवैध निर्माण कोशिशे करते रहे है और आज तक ग्राम पंचायत ने किसी भी अतिक्रणकारी को मंदिर की जमीन पर पट्टा जारी नही किया। वहीं समाज व गांवों के लोगों की सजगता चलते Óयादातर अतिक्रमियों से जमीन खाली करवाई गई एवं बीच बाजार में बहु मूल्य धार्मिक स्थल होने से हर कोई इसे हड़पने की नापाक हरकते करते आ रहे है। ऐसे में कई लोगों ने इस धार्मिक स्थल के खाली पड़े हिस्से को कूट रचित दस्तावेजों से इसे हड़पने की कोशिश करते रहे है। पिछले वर्ष 2016 में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा मंदिर को रातो-रात तोड़कर सबूत नष्ट करने के प्रयास किया था। जिसके चलते समाज के लागों द्वारा विरोध प्रदर्शन किया और अतिक्रमियों ने कानूनी कार्यवाही के भय के चलते समाज के लोगों से मंदिर की जगह पुन: मंदिर बनवाने का वादा कर किया था, परन्तु हाल ही में अतिक्रमियों ने मंदिर की पवित्र जगह पर अवैध रूप से निजी भवन निर्माण कार्य शुरू किया तो समाज के लोगों ने इसकी शिकायत कलक्टर व एसपी व स्थानीय पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई। वहीं अब अतिक्रणकारी कानूनी शिकंजे से बचने के लिए समझौते का रास्ता ढूढं रहे है। दूसरी ओर गांव के धार्मिक प्रवृति के लोग ऐसे अधर्मकारी को मंदिर तोडऩे वालों लोगों को कानून के घर में भी दण्डित करवाने के लिए प्रयासरत है। जिससे भविष्य में गांव के मंदिर की खाली पड़ी जमीन पर भूमाफिया कब्जा न कर सके।