लॉयन न्यूज, बीकानेर। आतंक का पर्याय बन चुका आनंदपाल किस कदर चंद मिनटों में पुलिस की साजिस का शिकार हो गया इसका अंदाजा तो शायद खुद आनंदपाल को भी नहीं था। बैखोफ होकर अपराध की दुनिया का लम्बी जड़ें जमाने के बाद आनंदपाल रातों का खलनायक वर्ग का बेताज बादशाह बन गया और पुलिस की हिट लिस्ट में इसका नाम सबसे उपर दर्ज हो गया लेकिन कहते है कि अपराध का अंत बुरा होता है।

रतनगढ़ (चुरू) के पास मालासर गांव में आनंदपाल सिंह पिछले 2 दिन से डेरा जमाए हुए था। गांव के किनारे स्थित श्रवणसिंह की ढ़ाणी उसकी आपातकालीन शरण स्थली बनी हुई थी। आनंदपाल की गिरफ्तारी के लिए बैचेन हरियाणा व राजस्थान पुलिस को जैसे ही भनक लगी, तुरंत घटना को अंजाम तक पहुंचा दिया।

यह कार्रवाई मुख्य रूप से एसओजी के एस.पी. दिनेश मान के नेतृत्व में की गई। इनके साथ चूरू एस.पी. राहुल बारहठ, हरियाणा पुलिस के आई.जी. अमिताभ सिंह, हरियाणा पुलिस में प्रोबेशनर आई.पी.एस. नरेन्द्र बिजारणिया, नागौर पुलिस अधीक्षक पारस देशमुख थे।

हरियाणा पुलिस ने हरियाणा से आनंदपाल सिंह के दो भाई विक्की व गट्टू को गिरफ्तार किया। जब पुलिस ने इन दोनों से आनंदपाल के बारे में पूछताछ की तब आनंदपाल के ठिकाने के बारे में पता चला। एसओजी के एस.पी. दिनेश मन ने हरियाणा पुलिस, चुरू एसपी, नागौर एसपी के संयुक्त कार्यदल के साथ आनंदपाल को पकडऩे की रणनीति बनाई। बनाई गई रणनीति के अनुसार पुलिस ने सबसे पहले गांव की लाइट कटवाई और तुरंत श्रवणसिंह की ढ़ाणी को घेर लिया।

जैसे ही पुलिस की भनक आनंदपाल को लगी, वह अपनी ए.के. 47 लेकर मकान की छत पर चढ़ा और पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की और इसी दौरान आनंदपाल पुलिस की गोली का शिकार हो गया। इस परे घटनाक्रम में एस.ओ.जी. सिपाही सोहनसिंह, चुरू एस.पी. के गनमैन धर्मवीर घायल हो गए।

अभी मौके पर एस.ओ.जी. के ए.डी.जी. उमेश मिश्रा, बीकानेर आई.जी. विपिन कुमार, अजमेर आई.जी. मलिनी अग्रवाल, हरियाणा पुलिस के आई.जी. अमिताभ सिंह, चुरू एस.पी राहुल बाहरठ व नागौर एस.पी. पारस देशमुख, एस.ओ.जी. के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक करन शर्मा व संजीव भटनागर मौजूद है। घटनास्थल पर फोरेंसिक टीम को बुला लिया गया है जो प्राप्त साक्ष्यों की गहनता से जांच कर रही है।