नई दिल्ली.सेमी हाईस्पीड गतिमान एक्सप्रेस के बाद रेलवे अब 200 किमी/घंटा रफ्तार वाली ट्रेन चलाने की तैयारी में है। इसके लिए स्पेन से टैलगो ट्रेन कोच मंगवाए जा रहे हैं जो 23 अप्रैल तक देश पहुंच जाएंगे। जून में पलवल-मथुरा रूट पर ट्रायल रन होगा। गतिमान एक्सप्रेस के लिए अपग्रेड हुए निजामुद्दीन-आगरा ट्रैक पर ही नए कोच चलाए जा सकेंगे। बाद में इन्हें दिल्ली-मुंबई रूट पर चलाया जाएगा।
नए कोच के होंगे तीन ट्रायल…
 – गौरतलब है कि गतिमान को शुरू करने के लिए निजामुद्दीन और आगरा के बीच ट्रेन ट्रैक की नए सिरे से कपलिंग की गई थी।
– यहां गतिमान एक्सप्रेस 160 किमी/घंटा की रफ्तार से चल रही है।
– रेलवे के एडिशनल डायरेक्टर जनरल (पब्लिक रिलेशन्स) अनिल सक्सेना के मुताबिक, ट्रायल उसी ट्रैक पर किया जाएगा, जिन पर गतिमान एक्सप्रेस दौड़ रही है।
ऐसे होंगे तीन ट्रायल
– रेलवे की स्पैनिश फर्म टैलगो के हाई-स्पीड कोच का पहला ट्रायल बरेली-मुरादाबाद रूट पर होगा। यहां कोच 115 km/h की स्पीड से चलेंगे।
– दूसरा ट्रायल पलवल से मथुरा के बीच (83.8 km) 180 kmph की स्पीड के साथ हाेगा।
– नए डिब्बों का तीसरा ट्रायल दिल्ली-मुंबई के बीच मैक्सिमम 200 km/h की स्पीड से होगा।
– रेलवे के मुताबिक टैलगो ट्रेन के कोच 23 अप्रैल तक भारत पहुंच जाएंगे।
– हाई स्पीड ट्रेन के 9 कोच 27 मार्च को बार्सिलोना से एक कार्गो शिप के जरिए भारत रवाना हाे चुके हैं।
– खासबात यह है कि स्पेन की ट्रेन कोच बनाने वाली टैलगो फर्म ने मौजूदा इंडियन ट्रेन ट्रैक पर ही ट्रेन के फ्री ट्रायल रन का प्रपोजल दिया था।
 दिल्ली – मुंबई के बीच चलेगी ट्रेन
– रेलवे ऑफिसर्स के मुताबिक पीएम मोदी मेक इन इंडिया अभियान में स्पैनिश फर्म ने इंट्रेस्ट दिखाते हुए ट्रायल रन प्लान किया था।
– इसके बाद इंडियन रेलवे और टैलगो के बीच हुई बातचीत के बाद ट्रेन का ट्रायल रन तय किया गया।
– रेलवे का इस ट्रेन को दिल्ली-मुंबई के बीच चलाने की तैयारी कर रहा है।
क्या होगी खासियत?
 – टैलगो ट्रेन के चलने से दिल्ली से मुंबई की दूरी महज 12 घंटे में तय की जा सकेगी। अभी इसमें करीब 17 घंटे लगते हैं।
– इस ट्रेक पर अभी सबसे तेज ट्रेन राजधानी है जो 80 से 100 km/h की स्पीड से चलती है।
– एल्युमिनियम से बनी बॉडी वाले ये कोच काफी हल्के हैं। इससे ट्रेन जल्दी ही तेज स्पीड हासिल कर लेती है।
– हल्के कोच होने की वजह से ट्रैन एनर्जी एफीशिएंट होगी। इससे रेलवे का पावर बिल काफी कम हो जाएगा। एनर्जी लॉस 30 पर्सेंट से भी कम होगा।
एक कोच 3.25 करोड़ का
– टैलगो के एक कोच पर करीब 3.25 करोड़ रुपए खर्च होंगे। जबकि नॉर्मल कोच बनाने में केवल 2.5 करोड़ खर्च होते हैं।
– रेलवे के मुताबिक, ने बताया कि ये कोच मॉर्डन टेक्नोलॉजी से बने होंगे। मेट्रो के कोच की तरह ही इसमें ऑटोमैटिक स्लाइडिंग डोर होंगे।
– इस तरह के कुल बीस कोच भारत में बनाए जाएंगे। इनमें 14 एसी चेयर कार, तीन एग्जीक्यूटिव चेयर कार और 3 पावर कार होंगे।