लॉयन न्यूज, बीकानेर। मनुष्यों के लिए आहार में सर्वश्रेष्ठ बताया गया है फलाहार को। फलों से हमें प्राकृतिक रूप से विटामिन और मिनरल के साथ ही ग्लुकोज, प्रोटीन, कैल्शियम आदि जरूरी चीजें मिलती हैं। मौसमी फलों का भोजन के साथ या भोजन में प्रयोग हमारे रसोई की परम्परा में शामिल रहा है। कोरोना-काल के बाद से स्वास्थ्य को लेकर आई सजगता और जागरूकता के चलते कई इन सब के बारे में चर्चाओं का एक दौर चल पड़ा है। कौनसा फल खाना चाहिए, डाइबिटीक लोगों को फल खाना चाहिए या ज्यूस लेना। अब चर्चा होगी तो उलझन भी होगी और उसके निदान पर भी बात होगी। फल खाने को लेकर भी ऐसा ही एक सवाल बहुत बार हमारे सामने आता है कि फल खाना ज्यादा गुणकारी है या फलों का रस पीना?

क्या है ज्यादा गुणकारी ?

एक्सपर्ट्स का कहना है की फल खाना ज्युस पीने से ज्यादा लाभकारी होता है। क्योंकि फलों के खाने से आपको विटामीन और मिनरल्स जैसे पोषक तत्वों के साथ ही फाईबर और एंटीऑक्सीडेंट्स भी मिलते हैं, जबकि ज्युस में फाइबर नहीं होता है और एंटीऑक्टसीडेंट्स की मात्रा भी कम हो जाती है।

वैट लॉस करना है तो फल खाएं
ज्युस में ऊपर से मिलाई गई चीनी और अन्य प्रिजर्वेटिव्स के चलते ज्युस में कैलरी की मात्रा फलों के मुकाबले ज्यादा होती है ऐसे में अगर कोई वजन कम करने के लिए हेल्दी डाइट फॉलो करते हुए ऐसे पैकेज्ड ज्युस का सहारा ले रहा है तो उसकी मेहनत बेकार हो जाती है।

डाइबिटिक हैं आप तो फल खाएं
इसके साथ ही अगर आप डाइबिटीक हैं तो भी डॉक्टर्स आपको ज्यूस से ज्यादा फल खाना रेकमंड करते हैं क्योंकि फल से डायरेक्ट मिलने वाला ग्लुकोज फाइबर के साथ आता है जो आसानी से डाइजेस्ट किया जा सकता है और ऊपर से डाली गई शक्कर और प्रिजर्वेटिव्स से बेहतर है।

डाइजेशन के लिए भी बेहतर है फल खाना
ज्यूस को लेकर अक्सर ये कहा जाता है कि ये लिक्विड फॉर्म में है सो पेट के लिए हल्का होगा लेकिन ऐसा है नहीं। ऊपर से मिलाए गये तत्व और प्रिजर्वेटिव्स के कारण ज्यूस हाइकैलरीड हो जाता है ऐसे में इसे पचने के लिए भी उतना ही टाइम चाहिए होता है जबकि फल खाने के फलों में मौजूदा फाइबर इसे डाइजेस्ट करने के लिए आसान बनाता है।