अजमेर।  हाईकोर्ट की फटकार के बाद शहर में नशे की गर्त में डूबे मासूम बच्चों को नशे से मुक्ति दिलवाने के लिए जिला पुलिस ने झूठा खेल रच डालादरगाह थाने के पुलिस अधिकारी और जवानों को शनिवार व रविवार दरगाह क्षेत्र में राह चलते जो बालक मिला उसको नशेड़ी बताते हुए थाने और फिर बाल सुधार गृह पहुंचा दिया। पत्रिका टीम ने सोमवार शाम बाल सम्प्रेषण गृह से मुक्त हुए बालक व उनके परिजन से बात की तो पुलिस कार्रवाई की रची गई कहानी का सच उजागर हो गया।

केस : 1

खादिम मोहल्ला में रहने वाला बारह वर्षीय हीरू (बदला हुआ नाम) इमाम बाड़ा स्थित उस्मानिया स्कूल में पांचवीं कक्षा का छात्र है। हीरू पिता की मृत्यु के बाद दरगाह में मशक से पानी डालने का पुश्तैनी काम भी करता है। रविवार को वह दरगाह बाजार से गुजरा तो एक जायरीन बच्चों को दस-दस रुपए के नोट बांटता दिखा। वह उन्हें देखने के लिए खड़ा हो गया। इसी दरमियान दो सिपाही उसे दरगाह थाने ले गए। चार घंटे तक बैठाकर रखने के बाद उसको नशेड़ी बताते हुए बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर दिया। वहां से उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया। सोमवार सुबह हीरू की मां को पता चला तो वह उसको लेने सुभाषनगर बाल सुधार गृह पहुंच गई। दिनभर की मशक्कत के बाद हीरू बाल सुधार गृह से बाहर आ पाया।

नशे से नहीं वास्ता

हीरू की मां ने बताया कि पति की मौत के बाद वह ट्यूशन पढ़ाकर अपने तीन बच्चों का जैसे-तैसे पालन-पोषण करती है। हीरू मदरसे में पढऩे जाता है। उसने बताया कि उसके बेटे का दूर-दूर तक नशे से वास्ता नहीं है।

केस : 2

पश्चिम बंगाल के मालदा हाल सीसा खान पीर रोड निवासी राजू (बदला हुआ नाम) दरगाह क्षेत्र में घरों में छोटा-मोटा काम कर परिवार चलाने में मदद करता है। शनिवार शाम दरगाह थाना पुलिस उसे दरगाह क्षेत्र से उठा कर थाने ले आई। पांच घंटे तक थाने में रखने के बाद उसको बाल सम्प्रेषण गृह भेज दिया। रातभर घर नहीं लौटने पर परिजन ने तलाश की। सोमवार सुबह परिजन बाल सम्प्रेषण गृह पहुंचे, जहां शाम को उसे मुक्त किया गया।

खाना बनाकर गुजर बसर

राजू के पिता का कहना है कि वह भटियारे (खानसामे) का काम करता है। परिवार के बाकी सदस्य भी कुछ न कुछ काम करते है तो परिवार का बसर होता है। रविवार को बेटा घर नहीं लौटा तो तलाश की गई। शाम को उसको पुलिस के पकड़ कर ले जाने की बात सामने आई। उसने बताया कि बेटे का नशे से दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं है।मैने नशा करने वाले बच्चों को पकडऩे और नशा मुक्ति की कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। जो नशा नहीं करते है उन्हें पकड़ा जा रहा है तो यह गलत है। मामले की जांच की जाएगी।