नई दिल्ली।  चुनाव आयोग ने तमिलनाडु में सख्ती दिखाते हुए दोनों ही प्रमुख दलों को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। चुनाव आयोग ने अन्नाद्रमुक प्रमुख जयललिता और द्रमुक प्रमुख करुणानिधी को नोटिस जारी कर चुनाव घोषणा पत्र से संबंधित जानकारी मांगी है।

आयोग ने अपने नोटिस में कहा है कि दोनों पार्टियों के चुनावी घोषणा पत्र प्रथम दृष्टया आयोग के दिशा निर्देशों का पूरी तरह से पालन नहीं करते हैं। चुनाव आयोग ने उन्हें 15 मई की शाम पांच बजे तक जवाब देने के लिए कहा है। दोनों ही पार्टियों को नोटिस का जवाब देने के साथ ही घोषणापत्र में किए गए वादों का औचित्य भी बताना होगा।

आयोग ने राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए चुनावी घोषणा पत्र के दिशानिर्देशों का जिक्र करते हुए दोनों दलों को अनुच्छेद (3) की याद दिलाई, जिसमें कहा गया है कि, पारदर्शिता के हित में और वादों की विश्वसनीयता के लिए यह अपेक्षा की जाती है कि घोषणा पत्र भी वादों के औचित्य को प्रतिबिंबित करे और इसके लिए वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के तरीकों और साधनों की ओर मुख्य रूप से संकेत करे।

आयोग ने कहा कि केवल उन्हीं वादों के आधार पर मतदाताओं का विश्वास हासिल किया जाना चाहिए जो पूरे किए जा सकें। उसने यह भी स्पष्ट किया है कि कारण बताओ नोटिस चुनावी घोषणापत्र को लेकर लोगों की शिकायत के आधार पर जारी किया गया है।

गौरतलब है कि तमिलनाडु में राजनीतिक दल अपने चुनावी घोषणा पत्र में रंगीन टीवी, मिक्सर ग्राइंडर, पंखे, मुफ्त चावल जैसी चीजें देने का वादा करने के लिए जाने जाते हैं। आयोग ने चेतावनी दी है कि अगर दोनों नेता कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं देते हैं तो यह उनके दलों के खिलाफ आगे की उचित कार्रवाई करेगा।