जोधपुर।   समूचे भारत में प्रतिवर्ष सर्वाधिक चिंकारे-काले हरिण घायल होने व मरने के मामले दर्ज कराने वाले जोधपुर जिले में वन्यजीवों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कलक्ट्रेट परिसर में लगातार दूसरे दिन भी दो चिंकारों के शिकार की सूचना के तीन घंटे बाद भी मौके पर अधिकारियों के नहीं पहुंचने से आक्रोशित वन्यजीव प्रेमी मृत चिंकारे के साथ जिला कलक्ट्रेट कार्यालय के समक्ष पहुंचे और नारेबाजी की। जोधपुर जिला मुख्यालय के मात्र 17 किमी दूरी पर स्थित जालेली चाम्पवता गांव की सरहद में दो अलग अलग जगहों पर संदिग्ध अवस्था में पड़े चिंकारों के शव देखने के बाद शनिवार सुबह 8.56 बजे वन्यजीव प्रेमियों ने वन्यजीव मंडल के अधिकारियों को सूचना दी। लेकिन 11.30 बजे बाद भी कोई वन अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा।

वन्यजीव मंडल के अधिकारियों ने जवाब में यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि संबंधित घटना स्थल की रेंज प्रादेशिक वन मंडल के अधीन होने से उनको सूचित करे। यह जवाब सुनकर पर्यावरण प्रेमियों में आक्रोश बढ़ गया। विश्नोई वन्य एवं पर्यावरण संस्था के प्रदेश अध्यक्ष रामपाल भवाद, महासचिव रामनिवास बुधनगर के नेतृत्व में विश्नोई समाज के युवा दोनों मृत चिंकारों को लेकर जिला कलक्ट्रेट परिसर पहुंचे और वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की।भवाद ने बताया कि एक चिंकारे के शरीर पर गोली लगने के स्पष्ट निशान मौजूद है। प्रदर्शन की सूचना मिलने पर उदयमंदिर थाने से मदन बेनीवाल के नेतृत्व में पुलिस जाप्ता भी मौके पर पहुंचा। धरना प्रदर्शन के दौरान विश्नोई टाइगर्स वन्य एवं पर्यावरण संस्था के ओमप्रकाश लोल, जुड़ के पूर्व सरपंच पूनाराम लोल, उदाराम गोदारा, ओमप्रकाश खोत, धर्मेन्द्र गुर्जर, श्रवण बांवरला, भरत खेड़ी, रामजीवन विश्नोई, रामदत्त जाखड़ सहित बड़ी संख्या में विश्नोई समाज के युवा मौजूद थे।

दो साल से जिम्मेदारी से बचने का प्रयास

प्रादेशिक वनमंडल के अधिकारी व वनकर्मी जिले की विभिन्न रेंज में घायल वन्यजीवों को बचाने की सूचना पर घायल वन्यजीवों को बचाने की जिम्मेदारी वन्यजीव प्रभाग के पल्ले बांध देते है। प्रदेश के वनमुखिया के बार बार लिखित में आदेश जारी करने के बावजूद की पालना में लगातार ढिलाई को लेकर जिले के वन्यजीव प्रेमियों ने कई बार धरना प्रदर्शन किया है।

शाम तक सीमा तय हो अन्यथा चिंकारे अधिकारियों के घर

कलक्ट्रेट के बाहर प्रदर्शन पर अतिरिक्त जिला कलक्टर अरूण कुमार हसीजा ने उपवन संरक्षक वन्यजीव महेन्द्रसिंह राठौड़, सहायक वन संरक्षक विधु शेखर दवे, प्रादेशिक वन मंडल के सहायक वन संरक्षक देवेन्द्र भाटी के साथ वन्यजीव प्रेमियों की बैठक ली। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर ने दोनों संभागीय मुख्य वन संरक्षक से भी शाम तक चिंकारों के घायल और शिकार संबंधी मामलों में जिम्मेदारी तय कर लिखित में जवाब देने को कहा। अन्यथा दोनों मृत चिंकारों के शवों को उनके घरों में भेजने की बात कही।

मेडिकल बोर्ड से होगा पोस्टमार्टम

डीएफओ के निर्देश पर वन्यजीव प्रेमियों की ओर से जालेली चाम्पवता से लाए गए दोनों मृत चिंकारों के शव का पोस्टमार्टम तीन सदस्यीय मेडिकल बोर्ड से किया जाएगा। वन अधिकारियों ने मौके से दोनों चिंकारों को कब्जे में लेने के बाद पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू की है।