लॉयन न्यूज, बीकानेर। डूंगर-एमएससहित जिले के विभिन्न सरकारी कॉलेजों में सोमवार को शिक्षण कार्य ठप रहा। कॉलेज लेक्चरर के अवकाश पर होने से इन कॉलेजों में अधिकांश क्लास रूम खाली रहे। रूक्का राष्ट्रीय की प्रांतीय कार्यकारिणी के आह्वान पर पदनाम परिवर्तन की एक सूत्री मांग को लेकर जयपुर में हुए विरोध-प्रदर्शन में बीकानेर से लगभग 115 कॉलेज व्याख्याता शामिल हुए। सामूहिक अवकाश लेकर प्रदर्शन में शामिल हुए प्रदेश के इन व्याख्याताओं ने अपनी बात को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया। राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ.दिग्विजय सिंह शेखावत ने बताया कि प्रदर्शन के बाद संगठन के प्रतिनिधि मंडल की सीएम हाउस में उच्च शिक्षा मंत्री कालीचरण सर्राफ और अतिरिक्त मुख्य सचिव से वार्ता हुई। वार्ता के दौरान सरकार ने व्याख्याताओं की एक सूत्री मांग पर सकारात्मक निर्णय लेने का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि यदि इसके बाद भी राज्य सरकार ने एक सूत्री मांग का निस्तारण नहीं किया तो संगठन स्तर पर आगामी रणनीति तैयार की जाएगी। एमएचआरडीने 31 दिसंबर, 2008 को देश के सभी महाविद्यालय शिक्षकों के लिए छठे वेतनमान के आदेश दिए थे। इन आदेशों के अनुरूप 30 जून, 2010 को यूजीसी द्वारा जारी रेग्युलेशन के मुताबिक कॉलेजों में व्याख्याता पदनाम को विलोपित करते हुए असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर पदनाम में परिवर्तन कर दिया जाना था। इस आदेश के बाद देश के सभी राज्यों में तमाम महाविद्यालयों के शिक्षकों का पदनाम परिवर्तित कर दिया गया है, लेकिन राजस्थान में कॉलेज शिक्षकों के पदनाम में अभी तक परिवर्तन नहीं हुआ है।