भरतपुर। सर्दी की दस्तक के साथ ही विश्व प्रसिद्ध केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में प्रवासियों पक्षियों की संख्या बढऩा शुरू हो गया है। घना में मध्य एशिया व साईबेरिया की तरफ पक्षी यहां पहुंच रहे हैं। ये पक्षी यहां विभिन्न ब्लॉकों में डेरा जमा रहे हैं।इनका कलरव देख पर्यटक मंत्रमुग्ध हैं  कुछ दिन पहले जो पक्षी दूर से दिखाई पड़ रहे थे, वह अब नजदीक साफ दिखाई दे रहे हैं। पक्षियों को करीब से देख पर्यटकों की खुशी का ठिकाना नहीं है, वह टकटकी लगाए पक्षियों को निहारते देखे जा सकते हैं। पक्षियों का यह नजारा फरवरी तक बने रहने का अनुमान है। उसके बाद प्रवासी पक्षियों का वापस लौटना शुरू हो जाएगा।

धीरे-धीरे बढ़ रही संख्या

केवलादेव में प्रवासी पक्षियों की संख्या में धीरे-धीरे इजाफा हो रहा है। यूरोप व साईबरिया में जैसे-जैसे सर्दी जोर पकड़ेगी, उसी के साथ पक्षी स्थानीय ठिकाना छोड़कर भारत सहित आसपास के देशों में पहुंचना शुरू कर देते हैं।इसमें बड़ी संख्या में प्रवासी  पक्षी सैकड़ों मील का फासला तय कर भरतपुर के घना में पहुंचते हैं। उद्यान में दो दिन पहले ही ग्रेलेक गीज भी पहुंचा है। इनकी संख्या करीब दो दर्जन बताई जा रही है। इसके अलावा सबलर, पिन्टेल, गैडबॉल, चाइना कूट, पोचर्ड आदि पक्षी पहुंच चुके हैं।

ग्रेट किस्टेड ग्रीव भी पहुंचा

घना में लम्बे समय बाद ग्रेट किस्टेड ग्रीव पक्षी दिखाई दिया है। यह पक्षी ‘ ब्लॉक के ओपन वाटर में नजर आया है। इनकी संख्या करीब सात बताई जा रही है। ये पक्षी यूरोप व मध्य एशिया से यहां पहुंचता है। यूरोप में कड़ाके की सर्दी होने पर ये पक्षी धीरे-धीरे अन्य देशों की ओर उड़ान भरना शुरू कर देते हैं। गे्रट किस्टेड ग्रीव ज्यादातर साफ पानी में रहना पसंद करता है।

अठखेलियों ने मनमोहा

उद्यान में पक्षियों की अठखेलियां पर्यटकों को मोहित किए हुए हैं। यहां ‘ सहित अन्य ब्लॉकों में फीड करते दिखाई दे जाएंगे। पक्षियों की दुनियां को नजदीक से देखने के लिए पर्यटक यहां काफी देर तक खड़े रह जाते हैं। पानी में तैरते चाइना कूट पक्षी पर्यटकों को आकृर्षित कर रहे हैं।बीजो जोय निदेशक केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान ने बताया कि प्रवासी पक्षियों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। इसमें गे्रलेक गीज व ग्रेट किस्टेड ग्रीव भी यहां पहुंच चुके हैं। ये पक्षी अलग-अलग ब्लॉकों में डेरा जमाए हुए हैं। नवम्बर अंत और दिसम्बर तक इनकी संख्या में और इजाफा होगा।