जयपुर। एसएमएस कन्वेशन सेंटर में मंगलवार को यूनिसेफ की ‘स्टेट ऑफ वर्ल्ड  चिल्ड्रन 2016’ रिपोर्ट की लांचिंग कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी से सवाल किए। एक ने पूछा, मैं डॉक्टर बनना चाहता हूं, माता-पिता गरीब हैं तो मेरा सपना कैसे पूरा होगा? इस पर देवनानी ने कहा, बैंक से लोन लेकर पढ़ाई करो, फिर नौकरी कर चुका देना।यूनिसेफ ने 195 देशों में एकसाथ यह रिपोर्ट लांच की। प्रदेश में रिपोर्ट देवनानी ने लांच की। बच्चों पर बनाई रिपोर्ट का विषय है समानता, हर बच्चे को न्यायोचित अवसर मिले। समारोह में जयपुर सहित डूंगरपुर व अन्य जिलों से आए दर्जनों बच्चों ने स्कूलों में कम्प्यूटर नहीं होने, शिक्षक कम होने, कक्षाएं खाली रहने के संबंध में बात की।देवनानी ने कहा कि बच्चों में असमानता का बड़ा कारण आर्थिक विषमता है, सरकारी स्कूलों का स्तर बढ़ेगा तो असमानता नहीं रहेगी। स्टेट प्लानिंग कमीशन के पूर्व सदस्य प्रो. वीएस व्यास, स्कूल शिक्षा सचिव नरेश गंगवार, यूनिसेफ के राज्य समन्वयक सैमुअल भी थे।रिपोर्ट के अनुसार विश्व में 5 वर्ष तक के 69 लाख बच्चे दम तोड़ रहे हैं। वर्ष 2030 तक 750 लाख बच्चियां बाली उम्र में ब्याह दी जाएंगी और 167 लाख बच्चे गरीबी में जीवन यापन करेंगे। वहीं, भारत में शिक्षा में समानता पर फोकस किया गया।

कैसे लें एजुकेशन लोन

– एजुकेशन लोन लेने के लिए भारतीय नागरिक होना जरूरी।

– देश में शिक्षा के लिए 10 लाख और विदेश में पढ़ाई के लिए 20 लाख तक मिलता है कर्ज।

– बैंक लोन देने से पहले वापसी सुनिश्चित करता है। यानी, प्राय: लोन उसे ही मिलता है, जो चुका सके।

– स्टूडेंट के अभिभावक या खुद विद्यार्थी पढ़ाई खत्म करने के बाद लोन चुका सकता है।

– लोन के लिए गारंटर की जरूरत पड़ती है।

– बैंक किसी भी कोर्स के खर्चों की पूर्ति के लिए वित्तीय मदद मुहैया कराता है।

– एजुकेशन लोन के दायरे में देश और विदेश में पढ़ाए जाने वाले कोर्स शामिल होते हैं।

– भारत में बारहवीं, ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, पीएचडी, इंजीनियरिंग, मेडिकल, एग्रीकल्चर, लॉ, डेंटल, मैनेजमेंट, कम्प्यूटर, मान्यता प्राप्त प्रतिष्ठित संस्थानों के कम्प्यूटर कोर्स, आईसीडब्यूए, सीए आदि जैसे कोर्स के लिए एजुकेशन लोन मिलता है।

– आमतौर पर एजुकेशन लोन पर ब्याज की दर पसर्नल लोन की दर से कम होती है।

– संबंधित बैंक में निर्धारित फॉर्म भरकर फोटोग्राफ, पहचान व आवास संबंधी दस्तावेज, माता-पिता का इनकम प्रूफ, हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मार्कशीट लगानी होती है। संबंधित संस्थान का एडमिशन लेटर और पाठ्यक्रम की अवधि का प्रूफ भी देना होता है।