अजमेर।  शहरवासियों की प्राकृतिक नजारों और हरियाली से भरपूर उद्यान की मुराद जल्द पूरी होगी। लोगों को पेड़ों की ताजी हवा में घूमने-फिरने और ट्रेक पर साइकिल चलाने का मौका मिलेगा। इसके लिए शास्त्रीनगर में लोहागल रोड पर पुलिस चौकी के नगर उद्यान विकसित करने की तैयारियां शुरू हो गई हैं।वन विभाग ने 20 हैक्टेयर भूमि चिह्नित कर मुख्यालय को प्रस्ताव भेज दिया है। मुख्यमंत्री ने बजट में अजमेर में नगर वन उद्यान (बायलॉजिकल पार्क) बनाने की घोषणा की थी। नगर उद्यान में स्थानीय प्रजाति के वृक्ष, नीम, तुलसी, ग्वारपाठा और अन्य औषधीय महत्व के पौधों के साथ-साथ जीव-जंतुओं का संरक्षण और पर्यावरण को बढ़ावा दिया जाना है। साथ ही लोगों के घूमने के लिए पाथ-वे और अन्य निर्माण कराए जाने हैं। पूर्व में सरकार पुष्कर के गनाहेड़ा और इसके आसपास के इलाके में पार्क बनाना चाहती थी, लेकिन सियासी और प्रशासनिक कारणों से प्रस्ताव निरस्त हो गया। वन विभाग के अधिकारियों ने पिछले साल फॉयसागर के निकट भूमि देखी, पर कोई फैसला नहीं हो पाया।

इसलिए लगी उपयुक्त

वन विभाग को लोहागल रोड क्षेत्र स्थित भूमि अरावली पहाड़ के निकट और जैव विविधता के लिहाज से उपयुक्त लगी है। मुख्यालय से मिलने वाले बजट और डिजाइन के अनुरूप उद्यान का कार्य शुरू किया जाएगा।

फिलहाल शहर में नहीं उद्यान

जयपुर में जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर कर्पूरचंद कुलिश उद्यान है। यहां भरपूर पेड़-पौधे, वॉकिंग ट्रेक, तितलियों के लिए गार्डन, कृत्रिम जलाशय विकसित किए गए हैं। इसी तरह जोधपुर में भी माछलिया क्षेत्र में उद्यान विकसित किया गया है। राज्य और देश के अन्य शहरों में बड़े और छोटे उद्यान हैं। इनमें वन्य जीवों के साथ-साथ प्राकृतिक और औषधीय महत्व के पौधे संरक्षित है। अजमेर में ऐसा कोई बड़ा उद्यान नहीं है। यहां केवल नगर निगम के अधीन सुभाष उद्यान है। इसमें भी पेड़-पौधों और जैव विविधता की बहुतायत नहीं है।

कभी थी भरपूर हरियाली

हरियाली और जैव विविधता के लिहाज से अजमेर कभी अग्रणी था। यहां तारागढ़-हैप्पी वैली, आंतेड़, अजयसर, हाथीखेड़ा, लोहागल, सिविल लाइन्स, गुलाबबाड़ी और आसपास के क्षेत्रों में पेड़-पौधों की बहुतायत थी। पिछले तीस वर्षों में पहाड़ों पर अंधाधुंध अतिक्रमण, वन संपदा की कमी, बढ़ते प्रदूषण के कारण शहर की जैव विविधता को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है।

सहजेंगे पहाड़ों का पानी

प्रस्तावित नगर उद्यान में पानी भी संगृहीत किया जाएगा। बारिश में अरावली की पहाडिय़ों से बहकर आने वाले पानी को टैंक और खुला कृत्रिम जलाशय बनाकर एकत्र किया जाएगा। इससे पेड़-कभी थी भरपूर हरियाली

पौधों की सिंचाई भी होगी। लोगों को जल संरक्षण की महत्ता भी समझाई जाएगी। पेड़-पौधों को पानी बूंद-बूंद सिंचाई पद्धति से दिया जाएगा।

यह बनेंगे नगर उद्यान में

-घूमने के लिए जॉगिंग और साइकिल ट्रेक

-प्राकृतिक दृश्यों को निहारने के लिए वॉच टावर

-औषधीय महत्व के पेड़-पौधे

-सीजन के अनुरूप फूलों की विभिन्न प्रजातियां

-पशु-पक्षियों के लिए छोटे जलाशय

-लोगों के लिए प्याऊ और छोटा कैफेटेरिया

शास्त्री नगर लोहागल रोड पर नगर उद्यान बनाया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए 20 हैक्टेयर भूमि चिह्नित कर प्रस्ताव भेजा है