बस एक क्लिक और सरकारी दफ्तरों के चक्कर से मिल जाएगी मुक्ति?
नई दिल्ली।जिन सेवाओं के लिए आपको लंबी लाइन में घंटों खड़े रहना पड़ता हो, सरकारी दफ्तरों में इस काउंटर से उस काउंटर पर भटकना पड़ता हो, यदि वो सभी सर्विसेज आपके लिए बस फोन अनलॉक करते ही एक क्लिक पर उपलब्ध हों तो आपको कैसा लगेगा?जी हां! यह कोई सपना नहीं है, आप बिल्कुल सही पढ़ रहे हैं। यदि मोदी सरकार का यह प्लान सफल रहता है, तो लगभग सभी तरह की सरकारी सेवाएं बस एक क्लिक पर आपके लिए उपलब्ध रहेंगी और आपको सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने से मुक्ति मिल जाएगी।मोदी सरकार एक ऐसा मास्टर एप्लीकेशन लॉन्च करने की तैयारी में है, जो सभी एप का बाप साबित होगां। इस सिंगल एप में केंद्र सरकार, राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन की 200 से ज्यादा सर्विसेज को जनता के लिए एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराया जाएगा। पासपोर्ट सर्विस से लेकर इनकम टैक्स रिटर्न, रेलवे टिकट बुकिंग से लेकर लैंड रिकॉर्ड तक सब कुछ। सरकार एक ऐसे मोबाइल एप्लीकेशन प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, जो ऐसी ही 200 से अधिक सरकारी सेवाओं को एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराएगा।केन्द्र सरकार के संचार और सूचना प्रोद्यौगिकी मंत्रालय के ई-गवर्नेंस डिवीजन द्वारा विकसित किए जा रहे ‘यूनीफाइड मोबाइल एप्लीकेशन फॉर न्यू एज गवर्नेंस’ (उमंग) प्रोजेक्ट को भारत में लोगों तक स्मार्टफोन की बढती पहुंच को देखते हुए तैयार किया जा रहा है और इस पर पिछले आठ माह से काम चल रहा है। वर्तमान में इस प्रोजेक्ट के विकास और इसे प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के लिए पार्टनर एजेंसी की तलाश की जा रही है। इसके लिए सरकार ने टेंडर भी जारी किया है।संचार और सूचना प्रोद्यौगिकी मंत्रालय के ई-गवर्नेंस डिवीजन के एक अधिकारी के मुताबिक भारत में लगभग हर किसी के पास स्मार्टफोन है और वह मोबाइल पर इंटरनेट का उपयोग कर रहा है। इसलिए सरकार का लक्ष्य है कि नागरिकों को उनकी फिंगर टिप पर सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं।सरकारी दफ्तरों में कभी खत्म न होने वाले इंतजार के बजाए अब लोग एक सेंट्रालाइज्ड मोबाइल एप के जरिए 13 भाषाओं में विभिन्न सरकारी सेवाओं का आसानी से लाभ ले सकेंगे। जिन यूजर्स के पास स्मार्टफोन नहीं है, वह इन सेवाओं तक एसएमएस और एक सिंगल टोल-फ्री नंबर के जरिए पहुंच सकेंगे।
उमंग पर उपलब्ध सेवाओं की एक सांकेतिक सूची
1.नेशनल स्कॉलरशिप
2.महिला सुरक्षा (निर्भया)
3.स्वास्थ्यदेखभाल आवेदन
4.क्राइम और क्रिमीनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम
5.पासपोर्ट सेवा
6.इनकम टैक्स
7.सीबीएसई/राज्य शिक्षा बोर्ड
8.ई-म्यूनीसिपल्टी
9.आईआरसीटीसी
10.यूटीलिटी बिल्स
11.कमर्शियल टैक्स/जीएसटी
12.पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम
13.ई-कोर्ट
14.लैंड रिकॉर्ड्स
15.पीएफ/एनपीएस
16.मदर एंड चाइल्ड ट्रैकिंग
17.ट्रांसपोर्ट-वाहन/सारथी
18.एम-किसान
19.आपदा प्रबंधन
20.ई पोस्ट
पहले साल मिलेंगी 50 सेवाएं
उमंग एप के शुरू होने के एक साल के भीतर इस प्लेटफॉर्म पर 50 सेवाओं को उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। तीसरे साल तक सेवाओं की संख्या को बढ़ाकर 200 किया जाएगा। इनमें से राज्य और स्थानीय सरकार की कुछ सेवाएं भी शामिल की जाएंगी, लेकिन प्लेटफॉर्म को विकसित और इसका संचालन केंद्र सरकार करेगी। हालांकि, राज्य सरकारें इस एप के जरिए अपनी सेवाओं की ब्रांडिंग कर सकेंगी।
इसमें हैं चुनौतियां बड़ी
एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक विभिन्न सरकारी विभागों को इस प्लेटफॉर्म पर लाने के लिए मनाना आसान काम नहीं होगा। यह एक बड़ी चुनौती है। लेकिन, एक बार इस प्लेटफॉर्म के चालू होने पर उम्मीद है कि मजबूत यूजर आधार और उमंग की कार्यकलापों को देखते हुए तमाम विभाग इससे जुड़ेंगे।
हर चीज के लिए बस एक एप
उमंग में मौजूदा सेवाएं जैसे, आधार फॉर ऑथेंटिकेशन, ऑलनाइन पेमेंट प्लेटफॉर्म ‘पेगॉव’ और सरकार का क्लाउड आधारित डॉक्यूमेंट मैनेजमेंट सिस्टम ‘डिजीलॉकर’ को भी इसके साथ जोड़ा जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि एक यूजर सरकारी सेवाओं के लिए आवेदन करने के बाद बस एक एप के जरिए अपने पहचान को प्रमाणित कर सकेगा, जरूरी दस्तावेज उपलब्ध करा सकेगा और पूरी प्रक्रिया के लिए स्मार्टफोन पर ही भुगतान कर सकेगा।