मुंबई।   फिल्मकार साबिर खान निर्देशित आगामी फिल्म ‘बागी’ में खलनायक के किरदार में नजर आने वाले दक्षिण भारतीय फिल्मों के लोकप्रिय अभिनेता सुधीर बाबू का कहना है कि उनका लक्ष्य अपने करियर में एक सशक्त और अच्छे कलाकार के रूप में पहचान बनाना है और इसलिए उन्होंने इस किरदार को चुना।सुधीर ने कई दक्षिण भारतीय फिल्मों में नायक की भूमिकाएं निभाई हैं, लेकिन इस फिल्म के जरिए बॉलीवुड में कदम रखने वाले अभिनेता को पहली बार खलनायक का किरदार निभाते देखा जाएगा।एक साक्षात्कार में सुधीर से इस किरदार को चुनने के पीछे की खास वजह के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ”मैंने जब फिल्मों में कदम रखा, तो मेरा मुख्य लक्ष्य खुद को सशक्त अभिनेता के रूप में साबित करना था। 20-30 साल बाद फिल्मी करियर के समापन के बाद मैं एक अच्छे अभिनेता के रूप में अपनी पहचान बनाना चाहता हूं। मुझे यह किरदार काफी सशक्त और मुश्किल लगा और इसलिए मैंने इसे चुना।”सुधीर का हालांकि, शुरुआत में रुझान बैडमिंटन की ओर था और आंध्र प्रदेश तथा कर्नाटक के शीर्ष खिलाड़ी भी रहे। दिग्गज बैडमिंटन खिलाड़ी पुलेला गोपीचंद के साथ युगल प्रतियोगिता में खेल चुके हैं।अभिनेता ने खेल जगत में न कदम रख अभिनय में आने के पीछे के कारण के बारे में बताया, ”मैं उस वक्त काफी युवा था और इसके पीछे कई कारण हैं। तीन साल पहले खेल के जरिए जीवन जीना आसान नहीं था। मैंने इसे छोड़कर अपनी पढ़ाई पर ध्यान दिया और इसके बाद अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा, क्योंकि मुझे लगा कि इस क्षेत्र में मैं अपना 100 फीसदी दे सकता हूं।”गौतम मेनन द्वारा निर्देशित 2010 में आई फिल्म ‘ये माया चेसावे’ से अपने करियर की शुरुआत करने वाले सुधीर पहले ‘बागी’ फिल्म में काम नहीं करना चाहते थे। इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया, ”मैंने बॉलीवुड में जाने की कोशिश नहीं की थी। हालांकि, मुझे कई प्रस्ताव मिले, लेकिन मुझे लगा कि वे काफी छोटा किरदार होंगे और तेलुगू फिल्म जगत में आगे बढऩे के लिए मेरे पास कई अवसर हैं।”सुधीर ने आगे कहा, ”तेलुगू फिल्म जगत से बाहर जाने का मेरे पास कोई खास कारण नहीं था, लेकिन ‘बागी’ फिल्म की पटकथा मुझे काफी अच्छी लगी और इसलिए मैंने इसके लिए हामी भर दी।”आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा शहर में जन्मे सुधीर का कहना है कि उनके शहर में फिल्म ही मनोरंज का एकमात्र साधन है और वह इन्हें देखते हुए ही बड़े हुए हैं।सुधीर ने अपने ससुर को फिल्म जगत में अपना प्रेरणास्रोत बताया। उन्होंने कहा, ”वह अपने जमाने के बेहतरीन अभिनेता रहे हैं। मैं उन्हें देखते हुए ही बड़ा हुआ हूं और इसलिए उनसे प्रेरित होकर मैंने फिल्मों में कदम रखने के बारे में सोचा।”बॉलीवुड और दक्षिण भारतीय फिल्म जगत में अपनी पहचान बनाने की कोशिश करने वाले नए कलाकारों को दिए अपने संदेश में सुधीर ने कहा, ”कड़ा परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। सही अभ्यास और मेहनत ही आपको अपनी मंजिल तक ले जाएगी।”