अस्पताल में महिलाओं का यह हाल देख खौल उठा परिजनों का खून
पलसाना (सीकर) राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र। पर गुरुवार को आयोजित मासिक नसबंदी शिविर में नसबंदी करवाने आयी महिलाओं को ऑपरेशन के बाद फर्श पर लिटा दिया गया। कुछ महिलाओं को पुरुष वार्ड में बेड नसीब हुए। मामले को लेकर जिम्मेदारों ने संसाधनों का हवाला देकर पल्ला झाड़ लियाcलापरवाही का आलम यह भी सामने आया कि शिविर की तिथि जानकारी के अभाव में कई महिलाओं को कई घंटे इंतजार के बाद अस्पताल से बैरंग ही लौटना पड़ा जानकारी के अनुसार कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर प्रत्येक माह की 11 तारीख को नसबंदी शिविर लगया जाता है। लेकिन विभागीय कारणों से शिविर एक दिन बाद 12 मई को लगाया गया। इस संबंध में आदेश 26 अप्रेल को ही मिलने के बावजूद ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं को नसबंदी के लिए प्रेरित करने वाली आशा सहायोगिनियों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई।इसके चलते नसबंदी के लिए प्रेरित कर लाई गई महिलाओं को शिविर में पहुंचने की जानकारी भी नहीं दी जा सकी। बुधवार को परिजनों के साथ अस्पताल पहुंची कई महिलाएं तेज गर्मी में घंटों इंतजार कर बिना ऑपरेशन लौट गईं।
इनका हुआ था ऑपरेशन
नांगल निवासी संगीता, डेरा की ढाणी निवासी अंजू, अभयपुरा निवासी नन्छी, रिंकू, बरसिंहपुरा निवासी सुमन कंवर, रुकमादेवी, ज्ञानपुरा निवासी सुरज्ञान, गोविन्दपुरा निवासी सन्तोष, गुढ़ा निवासी सावित्री, पलसाना निवासी किरण, सन्तोष, ग्यारसी देवी, सुमन, सन्तोष आदि 15 महिलाओं का नसबंदी ऑपरेशन किया गया।
हादसे का बहाना करके भेज दिया
बुधवार को अस्पताल में नसबंदी के लिए आयी महिलाएं दोपहर करीब ढाई बजे तक अस्पताल में टीम के आने का इंतजार करती रही। इस दौरान भी किसी ने उनको नसबंदी बुधवार के बजाय गुरुवार को होने के बारे में जानकारी नहीं दी। बाद में यह कहकर वापस घर भेजा गया कि दुर्घटना के कारण ऑपरेशन करने आने वाली टीम नहीं आई।
परेशानी बढ़ जाती है
हर माह 11 तारीख को ऑपरेशन की तिथि निर्धारित होने से महिलाएं आ गई थी। बाद में उन्हें वापस भेज दिया गया था। बेड की उपलब्धता के आधार पर ही महिलाओं का पंजीयन करते हैं। लेकिन कई बार रोगी बढऩे से परेशानी हो जाती है।