लंदन की लक्जमबर्ग यूनिवर्सिटी के शोधार्थियों ने विशिष्ट विद्युत गुणों वाले एक ऐसे पदार्थ (साम्रगी) की खोज की है जिससे उर्जा भंडारण के बेहतर उपकरणों का निर्माण किया जा सकता है –

लंदन। लंदन की लक्जमबर्ग यूनिवर्सिटी के शोधार्थियों ने विशिष्ट विद्युत गुणों वाले एक ऐसे पदार्थ (साम्रगी) की खोज की है जिससे उर्जा भंडारण के बेहतर उपकरणों का निर्माण किया जा सकता है। तीन साल पहले लक्जमबर्ग यूनिवर्सिटी के भौतिक वैज्ञानिकों ने इस विशिष्ट पदार्थ (साम्रगी) की असामान्य विशेषताओं की सैंद्धांतिक रूप से कल्पना की थी। इसके बाद बोर्डोक्स और फ्रांस के वैज्ञानिकों ने परीक्षण करने के बाद इन गणनाओं की पुष्टि की।परीक्षण के बाद परिणामस्वरूप इस तथाकथित उच्च विद्युत पदार्थ की खोज हुई। इस अनुसंधान परियोजना के मुख्य तंजा स्किलंग ने बताया, डाइ-इलेक्ट्रिक कांस्टैंट वाला यह पदार्थ( हाई-के-मटीरियल्स) अत्यधिक खोज के बाद प्राप्त हुआ है। पहले की गणनाओं में यह बताया गया था कि कुछ विशिष्ट कम्पाउंड पदार्थ पॉलीमर्स और परतदार ग्राफीन से मिलकर बने हैं वह पॉलीमर्स और नैनोट्यूब से बने पदार्थों से अलग हैं। जो चालकता में वृद्धि नहीं करते हैं। चालकता (कंडक्टिविटी) को बढ़ाने के लिए ग्राफीन के उपयोग पर उठे सवालों के दौरान यह चौंकाने वाला निष्कर्ष था।

यह भविष्यवाणी हालांकि बेहतरीन खोज साबित हुई। प्लास्टिक ग्राफीन से चालकता की वृद्धि पर उठे सवाल से उल्लेखनीय डाइ इलेक्ट्रिक गुणों की खोज हुई। वैज्ञानिकों के अनुसार, इसका अर्थ है कि यह पदार्थ अपने अंदर एक मजबूत विद्युत क्षेत्र उत्पन्न कर सकते हैं। जो कुशल कैपेसिटर्स को बनाने के लिए आवश्यक गुण है। इस हाई-के-मटीरियल्स से कई उपयोगी विद्युत उपकरणों को विकसित किया जा सकता है।